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दून में दिव्यांग बच्चों के साथ यौन शोषणः आरोपी वार्डन गिरफ्तार, न्यायालय में किया गया पेश

देहरादून;राजधानी देहरादून के पटेलनगर क्षेत्रा में मानसिक रूप से असक्षम दो नाबालिग बच्चों के साथ हुए यौन शोषण और मारपीट के सनसनी मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी वार्डन को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना पेंसिल बॉक्स नामक अवैध रूप से संचालित स्कूल और हॉस्टल से जुड़ी हुई है, जो बंजारावाला इलाके में स्थित है।
मां की तहरीर पर दर्ज हुआ मामलाः प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित बच्चों की माता द्वारा थाना पटेलनगर में तहरीर दी गई थी कि उनके दोनों दिव्यांग बेटे, जो उक्त स्कूल में अध्ययनरत हैं, के साथ हॉस्टल वार्डन ने मारपीट की और उनका यौन शोषण किया। तहरीर के आधर पर मु0अ0सं0-256/2025 के अंतर्गत धरा 115(2)64(2) बीएनएस एवं पॉक्सो अधिनियम की धरा 5(डी) (के)/6 में मामला दर्ज किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देशः मामले की गंभीरता को देते हुए वरिष्ठ पुलिस अध्यक्षक, देहरादून द्वारा तत्काल अनावरण के निर्देश दिए गए। पुलिस ने न केवल पीड़ित बच्चों का चिकित्सकीय परीक्षण कराया, बल्कि उनकी विशेष जरूरतों को समझते हुए विशेषज्ञ/ट्रांसलेटर की सहायता भी सुनिश्चित की, ताकि बयान दर्ज करने में कोई बाध न हो।
डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए गए: टीम ने घटनास्थल से संबंधित सीसीटीवी पफुटेज और डीवीआर को जब्त कर लिया है, जिनकी गहन जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में मिले साक्ष्यों के आधर पर आरोपी की पहचान सुनिश्चित की गई।
आरोपी वार्डन गिरफ्तार, न्यायालय में पेशः पुलिस ने इस जघन्य अपराध के आरोपी मोनूपाल पुत्र हरिनाथ पाल, निवासी ग्राम इन्द्रपुर हेडी, थाना सादियाबाद, जनपद गाजीपुर, उत्तर प्रदेश, वर्तमान पताः पेंसिल बॉक्स स्कूल, नियर कारगी चौक, पटेलनगर, देहरादून, उम्रः 29 वर्ष को दिनांक 31 मई 2025 को गिरफ्तार कर लिया और आज उसे माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
पुलिस टीम में रहे ये अधिकारी सक्रिय
1. महिला उपनिरीक्षक मीना रावत
2. कांस्टेबल रुसेन्द्र सैनी
यह मामला न केवल प्रशासनिक विपफलताओं की ओर संकेत करता है, बल्कि इस बात की गंभीर चेतावनी भी देता है कि बच्चों, विशेष रूप से दिव्यांग और मानसिक रूप से असक्षम बच्चों की सुरक्षा हेतु प्रणाली को और अधिक संवेदनशील तथा सतर्क बनाने की आवश्यकता है।
इस विषय पर राज्य सरकार से ठोस एवं व्यापक निरीक्षण अभियान की मांग करता है, ताकि ऐसे संस्थानों पर शिकंजा कसा जा सके जो निर्दाेष बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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