Breaking
Sun. Dec 22nd, 2024

पण्डित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कुछ लोगों के बारे में सटीक बातें बता देते हैं उनकी यात्रा में जनता का विश्वास जगा है

चमत्कार यह नहीं है कि पण्डित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कुछ लोगों के बारे में सटीक बातें बता देते हैं, चमत्कार यह है कि देश के बहुत बड़े वर्ग के साथ साथ “भारत का सांस्कृतिक पतन चाहने वाली विदेशी शक्तियां” भी जिस समाज के विरुद्ध सैकड़ों वर्षों से विषवमन करती रही हैं , उस समाज का एक नवयुवक अल्पायु में ही करोड़ों लोगों का नायक बना हुआ है। यह धर्म की शक्ति है।
टीआरपी पाने के लिए किसी का भी अहित कर देने वाली आधुनिक पत्रकारिता के बड़े अड्डों पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सैकड़ों बार ट्रायल हो चुका, पर वे हर बार सबको पराजित कर के निकल आते हैं। फर्जी आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा को चुनौती देने के प्रयास हो चुके, उन्हें अंधविश्वास बढ़ाने वाला बता कर खारिज करने के प्रयास अपनों के बीच से ही हो चुके, संगठित तरीके से उनका मजाक उड़ाया जा चुका, पर वे डटे हुए हैं, उनकी प्रतिष्ठा बढ़ती जा रही है। यह अद्भुत है।
पिछले कुछ दिनों से वे एक लम्बी पदयात्रा पर हैं। हिंदुओं को एक करने की यात्रा, सबको #संगठित करने की यात्रा… उनके साथ असंख्य भक्त चल रहे हैं, सैकड़ों साधु संत चल रहे हैं। उनके साथ करोड़ों लोगों की आशाएं चल रही हैं, उनके साथ लाखों का विश्वास चल रहा है। उनके साथ देश चल रहा है। वे प्रतिदिन पन्द्रह बीस किलोमीटर पैदल चल रहे हैं, उनकी यात्रा में शामिल होने के लिए लोग विदेशों से आ रहे हैं।
लोग विह्वल हो कर उनके साथ दौड़ रहे हैं। उनके ऊपर फूल बरसा रहे हैं, उनकी जयकार कर रहे हैं। यह यूँ ही नहीं हो जाता… दरअसल शास्त्री जी वही कर रहे हैं जो यह देश चाहता है। लोग लम्बे समय से ऐसे नायकों की तलाश कर रहे थे जो उनका स्वर बनें। धीरेन्द्र बस माध्यम बने हैं, बाकी सब हिंदुओं का मूल भाव है।
वस्तुतः यह देश धर्म नहीं भूलता। संसार को धर्म और संस्कारों की शिक्षा देने वाली इस भूमि के कण कण में बसा है धर्म… यदि सचमुच आपकी निष्ठा धर्म में होगी, तो यह देश आपके साथ पैदल चलेगा। भले आप किसी राज्य से हों, किसी जाति से हों, कोई भी भाषा बोलते हों। राजनैतिक हवा में छन भर के लिए कोई भले विद्रोही हो जाय, पर हजारों वर्ष का संस्कार उसे विमुख होने नहीं देता। वह लौट ही आता है, वह लौट ही आएगा… 

बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में हिंदू जगाओ यात्रा शुरू किया संतों की उपस्थिति में ये यात्रा 9 दिन तक चली. इस पदयात्रा का उद्देश्य हिंदुओं में जाति भेदभाव, छुआछूत को मिटाना और हिंदुओं को एकजुट करना है। बाबा बागेश्वर की इस पदयात्रा के लिए छतरपुर में बागेश्वर धाम में बड़ी संख्या में भारतीय चिंतन वाले अपार जनसमर्थन मिला । भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बातें करने वाले, हिंदुओं को एकजुट करने का आह्वान करने वाले और अपने हिंदूवादी वक्तव्य के कारण से चर्चा में रहने वाले बागेश्वर बाबा अब हिंदू एकता के संकल्प के साथ पदयात्रा की। धीरेंद्र शास्त्री की ये यात्रा हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ से शुरू होकर 29 नवम्बर को तक ओरछा धाम पर पूरी हुई बाबा बागेश्वर पदयात्रा के द्वारा हिंदुओं को जोड़ने की बात की इस पदयात्रा से पहले बागेश्वर धाम में हज़ारों श्रद्धालु जमा हुए। 
इस देश को धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जैसे #धर्मनिष्ठ नायकों की आवश्यकता है। एक नहीं, अनेक। सैकड़ों… इस देश की सांस्कृतिक व्यवस्था जब जब डगमगाई है, उसे संतों ने ही थामा है। फिर वही होना चाहिये, फिर वही हो रहा हैl जनता ने सांस्कृतिक व्यवस्था जब जब डगमगाई  हुई देखी है तब साधु संत से  बचाव  का मार्गदर्शन करते हुए देखा और उनका अनुसरण करने के लिए  उनके साथ समाज जुड़ता चला गया l  साभार 

 

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *