विकासनगर; जेठ मास की अपनी प्रवास यात्रा 20वें दिन रविवार को बाशिक महासू महाराज मूल मंदिर मैंद्रथ में विराजमान हो गए। जखोली मेला और श्रदालुओं के घार रात्रि पूजन के लिए लिए देवता की पालकी 27 मई को मैन्द्रथ मन्दिर से बाहर निकली थी। 20 दिनों तक देव पालकी तहसील क्षेत्रा के अलग-अलग गांवों जाकटा, बागी, बास्तिल, काण्डा, टियूटाड़, मुंधैल, सुखेड, त्यूणी, मैंद्रथ, निनूस आदि गांवों में रात्रि प्रवास पर रही। अंतिम पड़ाव प्रवास शनिवार को निनूस गांव में रहा। रविवार दोपहर बाद देवता अपने मूल मंदिर वापस विराजमान हो गए। मंदिर परिसर में देव पालकी के पहुंचते ही आसपास के गांवों से भी श्र(ालु देव दर्शन को पहुंचे थे। करीब एक घंटे तक मंदिर परिसर में देव पालकी श्र(ालुओं को दर्शन दिए, जिसके बाद विध् िविधन से पूजन के बाद देव पालकी को गर्भ गृह में विराजमान किया गया। इस अवसर पर बजीर दीवान सिंह राणा, हरीश चंद्र राणा, आदित्य पंवार, अजय, ठाणी रामलाल सेमवाल आदि मौजूद रहे।
पुलिस ने बीस संदिग्ध् लोगों से थाने में लाकर की पूछताछ
विकासनगर;आरएनएसद्ध। चारधम यात्रा और आपराध्कि घटनाओं को रोकने के लिए कोतवाली पुलिस और सहसपुर थाना पुलिस ने रविवार सत्यापन अभियान चलाया। इस दौरान दोनों जगह 350 लोगों का सत्यापन किया गया। किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराने पर 19 मकान मालिकों का कोर्ट चालान काटा। पुलिस अधिनियम में भी 20 लोगों का चालान किया गया। कोतवाली पुलिस द्वारा शहर की पॉश कॉलोनी दिनकर विहार में अभियान चलाकर दो सौ व्यक्तियों का सत्यापन किया गया। किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराए जाने पर सात मकान मालिकों का 70 हजार रुपये का कोर्ट चालान काटा गया। जबकि दस लोगों का पुलिस ऐक्ट में चालान काटकर 25 सौ रुपये बतौर जुर्माना वसूल किए गए। सहसपुर थाना पुलिस ने रामपुर, शंकरपुर, चोई बस्ती, र्ध्मावाला, सिंहनीवाला, सभावाला क्षेत्रा में सत्यापन अभियान चलाकर 150 लोगों का सत्यापन किया। किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराने पर 12 मकान मालिकों का कुल एक लाख 20 हजार रुपये का कोर्ट चालान काटने के साथ ही पुलिस ऐक्ट में 10 चालान काट कर 25 सौ रुपये बतौर जुर्माना वसूले। इसके साथ ही 20 लोगों को थाने में जाकर पूछताछ की गई। सीओ भाष्कर लाल साह ने बताया कि चारधम यात्रा मार्ग पर बसे कस्बों में संदिग्ध् लोगों की ध्र पकड़ और पहचान के लिए सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही अंतर्राज्यीय सीमाओं पर भी कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
बीस दिन के प्रवास के बाद मूल मंदिर पहुंची बाशिक महासू की पालकी
