लक्ष्य न्यूज़ उत्तराखण्ड
तंत्र विद्या में उल्लू के सिर, पंजे, पंख और हड्डियों का खास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। तांत्रिक पूजा-पाठ करने वाले लोगों में उल्लू की मांग बहुत ज्यादा है। वहीं, कॉर्बेट के अधिकारियों का कहना है कि वो उल्लुओं का शिकार रोकने के लिए पूरी तरह से चाक चौबंद हैं।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने कहा ज्यादातर ये देखा गया है कि दिवाली के आस-पास जो उल्लू है उनका शिकार और उनका जो व्यापार होता है जो कि दोनों चीजें अवैध हैं वो चीज बढ़ जाती हैं।
तो इसी चीज को ध्यान में रखते हुए एक स्पेशल अलर्ट जो मुख्य वन्यजीव वार्डन, उत्तराखंड हैं उनके द्वारा और हमारे द्वारा पूरे फील्ड स्टाफ को दे दिया गया है। उसमें कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आस-पास वाले क्षेत्र जो हैं उन सब पर निगाह रखी जाएगी यदि कोई ऐसा प्रकरण सामने आता है जिसमें उल्लुओं का शिकार का प्रकरण सामने आता है तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम है उसके अंतर्गत की जाएगी।