साथियों हम सब लोग मां के गर्भ से मृत्यु लोक मे आते हैं तो कोई हॉस्पिटल मे है कोई घर में है कोई रास्ते में है समय-समय के अनुकूल इस मृत्यु लोक में आते हैं और 9 10 महीने मां के गर्भ में निवास करते हैं मां को कितना कष्ट होता होगा यह तो मां ही समझति हैं दूसरा कोई नहीं समझता 8 /9/ 10 महा तक उस जीव को यानी हमको मां ऐसा संभाल करके के रखती है जिसका मैं व्याख्यान नहीं कर सकता हूं और मेरे पास ऐसे कोई शब्द भी नहीं है और वेद शास्त्रों में भी इसका बहुत ज्यादा वर्णन है क्योंकि इन विचारों को व्यक्त इसलिए प्रकट कर रहा हूं कि आजकल नवरात्रि में हम लोगों ने अपने-अपने भाव से अलग-अलग विचारों से मां की आराधना की है पूजा पाठ किया है इसलिए मुझे यह प्रतीत होता है की मां आप ने हमको कैसा संभाल के रखा है और हम कितने पापी हैं कितने मुर्ख हैं कि हम अपनी मां की सेवा नहीं कर पाते हैं मैं तो इसलिए नहीं कर पाया कि जब मैंने मां की सेवा करनी थी तब मां पहले निकल चुकी थी 91 के भूकंप में उत्तरकाशी नेताला गांव में इसलिए मैं इस पुण्य के भागी नहीं बन सखा परंतु जो लोग हैं जिनके पास मां है वह कितने भाग्यशाली है क्योंकि मां से बढ़कर कोई हमारे पास पूंजी नहीं है मां से बढ़कर हमारे पास कोई धन दौलत नहीं है इसलिए आज हम सबको विजयदशमी के इस शुभ बेला पर येसा संकल्प लें मेरे दोस्तों मेरे मित्रों मेरे प्यारे भाइयों की मां को हम लोग किसी भी प्रकार से कोई कष्ट न दे अगर हम अपनी मां को प्यार प्रेम न दे पाए तो कष्ट तो न दें यह मेरी आप सबसे प्रार्थना है कि जिनके घर में मां है वह कितने भाग्यशाली हैं यदि आप लोग अपनी मां के चरण धोखे पिऐं तो पूरा पाप नष्ट हो जाएगा ओर विगन्न बाधा दूर हो जाएगी मां के चरणों में बहुत बड़ी ताकत है जरा एक बार अजमां कर देखो भक्ति और भाव से एक बार मां के चरण धोखे पी लो आपके सब दुख दूर हो जाएंगे
यह मेरा अनुभव है
और मैं हमेशा मां के चरण बदंना करके ही कहीं जाता था जब मेरे पास मां थी आज मेरी मां फोटो और चित्र में विराजमान है फिर भी मेरा भाव वही है जो पहले था इसलिए मेरी आप सबसे प्रार्थना है की आप जीते जी मां की चरणों में समर्पित रहो तभी हमारा वंश का उद्धार होगा कुल का उद्धार होगा और हम सब सुखी रह पाएंगे
जय माता दी
editor shabnam chauhan