आज केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में सायं 5 बजे से परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती 1008 जी महाराज के पावन सान्निध्य में आई.सी.ए. हेल्थ एण्ड इनवीरोंमेंटल सोसाइटी द्वारा संकल्पित 108 जल सभाओं के क्रम में 91वें जल सभा का आयोजन किया गया।
आज के आयोजित 91वीं जल सभा को पंचायती निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामिश्री प्रखर जी महाराज को समर्पित किया गया।संस्था इन जल सभाओं के माध्यम से स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों एवं बस्तियों से लेकर जल श्रोतों के किनारे तक जल संरक्षण और इससे सम्बंधित तकनीकी के बारे में बताती है।एवं प्राकृतिक जल श्रोतों विशेषकर गंगा के संरक्षण और इनको बचाने के लिए लोगों को आगे आने के लिए प्रेरित करती है।
जल सभा में परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज ने अपना आशीर्वचन देते हुए कहा कि ये कहा गया है कि साधुजनों का ये स्वभाव है की वो लोकताप से तप जाते हैं।अपने दुख से वो दुखी नही होते लेकिन दूसरे के दुख से द्रवित हो जाते है।जल के संरक्षण हेतु प्रयत्नशील लोगों के पुण्य का वर्णन आसान नही है।जीवनदायी जल के संरक्षण हेतु हर व्यक्ति को सचेत होना चाहिए।
जल सभा को आशीर्वचन प्रदान करते हुए पंचायती निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामिश्री प्रखर जी महाराज ने कहा कि जल का संरक्षण जीवन का संरक्षण है।हम हानिकारक खाद्य पदार्थों का भक्षण करने करने लगे हैं।जल भी प्रदूषित हो गया है।इसलिए हमारे स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है।
संस्था के सचिव अभय शंकर तिवारी ने कहा कि संस्था 91वीं जल सभा के बाद अपना अभियान और तेज करेगी और देश के अन्य राज्यों में भी जल सभाओ का आयोजन किया जाएगा।जल सभा केवल जागरूकता अभियान ही नहीं है।अपितु यह एक तरह की जल साधना है और यह साधना पूर्ण होने के बाद अवश्य ही अपना प्रभाव दिखायेगा।
जल सभा मे जल सभा के राष्ट्रीय समन्वयक अनिल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।संचालन सुनील कुमार शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-साध्वी पूर्णाम्बा दीदी, ब्रम्हचारी परमात्मानंद,सजंय पाण्डेय मीडिया प्रभारी,डॉ परमेश्वर दत्त शुक्ल,प्रभु नारायण पाण्डेय पूर्व बार एसोशिएसन अध्यक्ष,शैलेन्द्र योगी,कीर्ति हजारी शुक्ला,अनिल शुक्ला,अविनाश जी,आशीष गुप्ता,डॉ सतीश कसेरा,अमरेंद्र प्रताप सिंह,इत्यादि लोग उपस्थित रहे।
परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।