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The cow nourishes us, we do not nourish the cow – Shankaracharya Avimukteshwarananda Saraswati

गाय हमें पालती है, हम गाय को नहीं-शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती

दिल्ली, ukpkg.com गोमाता हम सबका पालन करती है। जो लोग यह कहते हैं कि हम गाय को पाल रहे हैं उनको थोड़ा सूक्ष्म दृष्टि से विचार कर लेना चाहिए। क्या बच्चा माॅ को पालता है या माॅ बच्चे को पालती है। इस दृष्टिकोण से विचार यदि करेंगे तो आप स्वतः ही कहेंगे कि हम नहीं अपितु गाय ही हमारा पालन करती है।

उक्त बातें परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती १००८ ने गोसंसद् के दूसरे दिन अपने उद्बोधन के अवसर पर कही।

*गाय को जो पशु समझे वह स्वतंत्र पशु है*
-श्री गोपालमणि जी

गोमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन के संयोजक श्री गोपाल मणि जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जो गाय को पशु समझता है वह स्वयं पशु है। सारे वेद स्पष्ट रूप से इस बात का उद्घोष करते हैं कि गाय पशु नहीं है। जिस प्रकार गुरु मनुष्य होकर भी मनुष्य नहीं है, गंगा नदी होकर भी नदी नहीं है ऐसे ही गाय पशु होकर भी पशु नहीं है।

प्रश्नकाल में सांसदों के प्रश्न का उत्तर परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज ने दिया। उन्होंने कहा कि इस गो संसद् में नियुक्त गोसांसद अपने अपने क्षेत्र में जाकर भारत की संसद् में मनोनीत सांसदों को गोमाता के प्रति जागरुक करें।

गोसंसद् का प्रारम्भ प्रातः 9 बजे से हुआ जिसमें कल के शेष सदस्यों ने गौसांसद् के रूप में शपथ ग्रहण किया। प्रश्नकाल में गो सांसदों ने अपने प्रश्न पूछे जिसका उत्तर संसद् के अध्यक्ष के रूप में विराजमान परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज ने दिया।

जगद्गुरुकुलम् के छात्र पं आशुतोष दुबे ने वैदिक मंगलाचरण व देवेन्द्र धर दुबे जी ने पौराणिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया। संसदीय सभा का संचालन श्री किशोर दवे जी ने किया।

*स्वतन्त्रता तिथि महोत्सव पर शङ्कराचार्य जी ने किया ध्वजारोहण*

यह हमारे देश की विडम्बना है कि यहाँ दो कैलेण्डर से लोग अपना जीवन चला रहे हैं। भारत से अंग्रेज चले गये पर अंग्रेजी कैलेण्डर अभी भी चल रहा है। हम सनातनी लोग भारतीय तिथियों में अपना पर्व उत्सव मनाते हैं तो फिर राष्ट्रीय पर्व भारत की तिथियों में क्यों न मनाया जाए। शङ्कराचार्य जी विगत अनेक वर्षों से भारतीय तिथि के अनुसार ही राष्ट्रीय पर्व मनाते आ रहे हैं। इसी क्रम में आज उन्होंने श्रावण कृष्ण चतुर्दशी अर्थात् आज की तिथि को भारत का स्वतन्त्रता दिवस मनाया।

संसद् के समापन के अवसर पर आहाना कृष्ण पाठक, सुदीक्षा पाठक और श्लोक पाठक ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किए।

उक्त जानकारी परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने दी है।

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सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन के अनुसार 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ तथा केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। दिनांक 02 अगस्त 2024 तक कुल 7234 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। वहीं दिनांक 03 अगस्त 2024 को 1865 यात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। दिनांक 03 अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। करीब 1000 यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू अभियान की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

 
        उन्होंने बताया कि दिनांक 02 अगस्त 2024 तक 15 यात्री केदारनाथ से एयरलिफ्ट किए गए। लिंचोली और भीम बली से 1354 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। भीमबली धिं चोली से पैदल 365 यात्री चौमासी-कालीमठ पहुंचे तथा गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 5500 रही।  
दिनांक 03 अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया। लिंचोली और भीम बली से कुल 495 यात्री एयरलिफ्ट किए गए। वहीं 90 यात्री भीमबली धिं चोली से पैदल चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे। गौरीकुंड से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही। चीड़बासा ;गौरीकुंडद्ध से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं विभिन्न स्थानों पर फंसे पढ़ें लोगों को रेस्कीयू किया जारहा है 

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उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में गठित कमेटी ने खनिज वाहनों की आवाजाही प्रकरण में किया मौका मुआयना  â  उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में की गई है कमेटी गठित |       ढकरानी गांव की आबादी के बीचों-बीच आवाजाही का है मामला

नंबर एक पुल से सटी आबादी का प्रकरण भी रखा मोर्चा ने कमेटी के समक्ष।

           विकासनगर- ढकरानी कॉलोनी से सटे गांव की आबादी के बीचों-बीच रात- दिन खनिज वाहनों की आवाजाही से ग्रामीणों को हो रही परेशानियों के दृष्टिगत मा. उच्च न्यायालय में योजित जनहित याचिका के क्रम में मा. न्यायालय के आदेश दिनांक 23/7/24 के क्रम में जिलाधिकारी, देहरादून द्वारा उपजिलाधिकारी, विकासनगर  विनोद कुमार की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने स्थल पर जाकर मौका मिलना किया, जिसमें सभी बिंदुओं का बारीकी से परीक्षण किया गया |         

      मौके पर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने नंबर एक पुल, डॉक्टरगंज नवाबगढ़ में आबादी के बीचो-बीच खनिज वाहनों की रात- दिन आवाजाही को लेकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी/ अध्यक्ष, जांच कमेटी को सौंपा ,जिसमें मा. उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में ग्राम ढकरानी जैसे प्रकरण के मामले में नंबर एक पुल वाले प्रकरण को भी जोड़ने का आग्रह किया गया| उक्त दोनों आबादी के बीचो-बीच 40- 50 टन उप खनिज लेकर भारी वाहनों ने सड़कों को ध्वस्त कर दिया था एवं ग्रामीणों  के जान-माल के नुकसान होने की संभावना हर समय बनी रहती थी | ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए जन संघर्ष मोर्चा द्वारा लगातार आंदोलन जारी है| मौके पर -कमेटी के सदस्य/ पुलिस क्षेत्राधिकारी, विकासनगर श्री भास्कर लाल शाह,  खान निरीक्षक, एआरटीओ (प्रवर्तन) रावत सिंह तथा मोर्चा के मोहम्मद असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी एवं ग्रामीणों में याचिकाकर्ता  फिरोज खान,निशा खातून, सायरा बानो, सुमन लता, आशा, अकरम, सरताज बानो, नजराना, कमलेश, इंदु देवी, सरदार सिंह चौहान, कुंवर सिंह चौहान ,महिपाल सिंह रावत , पूरन सिंह आदि शामिल थे |

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