साइंटिफिक-एनालिसिस नवरात्री में महिला को निर्वस्त्र गुमाने पर भी देवी नहीं आई……
भारत लाखों-करोडों वर्षों से विशाल सभ्यताएं एवं संस्कृति का देश हैं यहां सामाजिक उत्थान के मार्ग को धार्मिक अनुष्ठान से जोड़कर आने वाली नई पीढी को शिक्षित व उस मार्ग पर चलने के लिए प्रशस्त किया जाता हैं। मानवीय जीवन के पथ पर अब विधान बन चुके पथ पर हर वर्ष नवरात्री में नो दिनों तक देवीयों की उपासना व पूजन करा जाता हैं, कुवारी कन्याओं की पूजा व भोजन कराया जाता हैं ताकि महिला सम्मान, आदर, मर्यादा की सिख लोगों के दिल व दिमाग में कूट-कूटकर भरी जा सके |
नवरात्री की शुरूआत के साथ ही 15 अक्टुम्बर को महाराष्ट्र से एक विडियो वायरल हुआ जिसमें एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र करके मारपीट की गई और उसे सरेआम दौडाया गया | मणिपुर मे महिलाओं को नग्न कर सामुहिक दुष्कर्म के बाद जिस्म को नोचते हुए महिलाओं के वीडियो वायरल होने के बाद स्त्रियों को सार्वजनिक रूप से नग्न करने के वीडियो बंगाल व त्रिपुरा से भी आ चुके हैं | अब यह मानवता को कलंकित करने वाला कांड बडी तेजी के साथ एक-एक राज्य कर पूरे देश में फैल रहा हैं | इसके हर गांव-शहर तक फैलनै का खतरा मंडरा रहा हैं |
सरकारें, प्रशासन, व्यवस्था, संवैधानिक पदों पर बैठे माननीय, समाज के प्रबुद्ध लोग, धर्म के ठेकेदार व नेतागीरी वाले लोगे चाहे जिसे ले लो यह सभी एक संकुचित मानसिकता से आगे नहीं सोच व समझ पा रहे लगते हैं | इन्हें लगता हैं कि हर मामले में जो चेहरा व नाम सामने आये उन्हें जेल भेजने व सजा दे देने से सबकुछ ठीक हो जायेगा यही न्याय की परिभाषा हैं | जबकि इस तरह की घटनाओं के लिए पुरा सरकारी, सामाजिक, धार्मिक सिस्टम जिम्मेदार व दोषी हैं | सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही सबसे ज्यादा हैं इसलिए अपराधीयों की लाईन में यह सबसे आगे व पहले गिने जाते हैं | इसके साथ जिन्हें अपना फोटो हर जगह चिपका कर बडे़-बडें बैनरों व विज्ञापन में दिखाने का शौक हैं उनके लिए तो शर्म के मारे आंखों से निकले आंसुओं में डूब मरने का कृत हैं |
भौतिक सुख-सुविधाओं के नाम पर हम विकास का कितना ही दम भर ले हकीकत यहि हैं कि हम मानवीय मूल्यों के आधार पर विनाश व समय के आधार पर पाषाण युग की दिशा में बढ रहे हैं | अब बात की जाये आज के लोकतांत्रिक सिस्टम और उसके सर्वोच्चय पदों पर बैठे लोगों की जो उन परिस्थितियों और सोच को न तो विकृत होने से रोक पा रहे हैं बल्कि भविष्य को लेकर भी कुछ सार्थक सामने भी नहीं रख पा रहे हैं | एक मामला खत्म नहीं होता तब तक उससे भी क्रूर दस मामलें नये सामने आ जाते है।
मणिपुर से हुई शुरूआत में सभी देशवासीयों में गुस्सा व शर्म की बात करके सबकुछ समाप्त कर दिया लगता हैं | राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री वहां जाकर हालात को समझना तो छोड़ इस पर बोलना भी मुनासिब नहीं समझते | नवरात्री में कितने ही व्रत और उपवास रख लो और जोर शोर से देवियों के जयकारें लगा लो इससे कुछ होने वाला नहीं उल्टा लोगों को संदेह होना शुरू हो जाता हैं कि देवी – देवता नाम के कोई होते भी हैं या नहीं कहीं काल्पनिक कहानियों से बेवकूफ तो नहीं बनाया जाता |
हमें तो डर हैं कि बाजारवाद व प्रचार-प्रसार और अपने-अपने चेहरे चमकाने के दौर में राजनैतिक गोटियों के साथ व्यक्तिगत वाद-विवाद शुरु न हो जाये | इसमें वर्तमान कार्यपालिका के प्रमुख प्रधानमंत्री सबसे पहले घसीटे जायेंगे | यदि कोई भी व्यक्ति पुलिसिया कार्यवाही के डर से कुछ भी न करे तब भी गोदी मीडिया उन्हें महान बनाने की चापलूसी में ऐसी खबरें बनाकर वायरल कर सकता हैं व विपक्ष तो पहले ही उनका नाम लेकर सार्वजनिक आरोप लगाता हैं |
मोदी ने दुनिया की पोर्न इन्डस्ट्री में हाहाकार मचा दिया!
मणिपुर, बंगाल, त्रिपुरा के बाद अब महाराष्ट्र में महिला को सार्वजनिक नग्न करने की खबर आई हैं जो पुरी दुनिया में वायरल हो रही हैं | इससे दुनिया भर में पोर्न इंडस्ट्री से जुडें लोग व महिलाएं बुरी तरह से घबरा गये हैं | यदि मोदी के इंडिया से लगातार ऐसे विडियो आते रहेंगे तो उनके अश्लील व यौन क्रिया के लिए आने वाले ग्राहक खत्म हो जायेंगे सभी इंडियन ब्यूटी की तरफ भागेंगे | मोदी जी ने भारतीय महिलाओं को पोर्न इंडस्ट्री में उतार भारत को नम्बर 1️⃣ बनाने व सबका साथ सबका विकास वाली योजना तो लागू नही करी हैं |
महामहिम राष्ट्रपति के नेतृत्व में पहली बार राष्ट्र गणतंत्र दिवस पर पुरी तरह महिलाओं के द्वारा होने वाली परेड की तैयारी जोर शोर से चल रही हैं | इस समय के दौर में महिलाओं से जुडी सबसे चर्चित खबरों व समस्याओं को एक साथ संकलित कर देखें तो आपको आभास हो जायेगा दुनिया के सामने भारत महिलाओं की कौनसी झांकी प्रस्तुत करने जा रहा हैं |
शैलेन्द्र कुमार बिराणी
युवा वैज्ञानिक