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Sun. Dec 22nd, 2024

Following the ancient traditions, on 22nd October, on the day of Ashtami, the worship of weapons and scriptures was organized by the Old Darbar Trust.

22 अक्टूबर को प्राचीन परंपराओं का निर्वाह करते हुए अष्टमी के दिन पुराने दरबार ट्रस्ट द्वारा शस्त्र एवं शास्त्र के पूजन का आयोजन किया गया।

यह परंपरा 700 ई राजा कनकपाल के समय से चांदपुर गढ़ी से चलती आई है।

इसके पश्चात श्रीनगर देवलगढ़ और 1816 के पश्चात टिहरी में इस परंपरा का निर्वाह किया जाता रहा

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यह पूजन राज परिवार के सदस्य एवं राजगुरु द्वारा संपन्न की गई। इस वर्ष खड़क चोट बली का दस्तूर शैलेंद्र नेगी पीसीएस गोत्र कश्यप जिला पौड़ी गढ़वाल द्वारा किया गया। आज ही के दिन 22 अक्टूबर को स्वामी रामतीर्थ जो की गढ़वाल के राज परिवार की दीक्षा गुरु थे उनकी जन्मशताब्दी के डेढ़ सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारतीय पोस्ट माय स्टैंप भी रिलीज किया गया।

पूजा का आरंभ बद्रीनाथ जी के चंदन से भगवती को अर्पित करके किया गया इस परंपरा का निर्वाह पंडित हरीश डिमरी द्वारा किया गया।

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इस अवसर पर राजगुरु माधवानंद नौटियाल,  कृष्णानंद नौटियाल, स्वास्तिक नौटियाल उपस्थित एवं राज परिवार से राव कीर्ति प्रताप सिंह, ठाकुर भवानी प्रताप सिंह ,कंवर निलय प्रताप सिंह एवं अन्य विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित रहे।

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