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Mon. Dec 23rd, 2024

Chief Minister Pushkar Singh Dhami is getting a grand welcome and people from three countries are being contacted to convene the Global Investors Summit to be held in December.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भव्य स्वागत के साथ हो रहा है दिसम्बर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बुलाए जाने के लिए तीन देशों के लोगों से संपर्क


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं में सुधार के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अग्निशमन सुविधाओं के विकास के लिए एक फुलप्रुफ योजना तैयार की जाए। उन्होंने प्रदेश में उपलब्ध अग्निशमन सेवाओं का गैप एनालिसिस कर इसे पूर्ण रूप से संतृप्त करने के लिए योजना तैयार किए जाने हेतु निर्देशित किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि आवासीय भवनों को फायर स्टेशन के पास ही बनाया जाए। इससे अग्निशमन कर्मिंयों को भी सुविधा होगी, एक समय पर अधिक से अधिक कर्मी उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि फायर एवं अन्य आवश्यक प्रशिक्षणों के लिए प्रदेश के भीतर ही व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सेलाकुंई फायर स्टेशन को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने एडवांस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए ही नागपुर (महाराष्ट्र) के प्रशिक्षण केन्द्र भेजे जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने बाढ़, भूस्खलन, ध्वस्त संरचनाओं के लिए रेस्क्यू कोर्सेज पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के कार्यात्मक एकीकरण की बात भी कही। कहा कि फायर स्टेशनों को अपग्रेड किए जाने हेतु सम्पूर्ण कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने प्रदेशभर में आवश्यकतानुसार फायर स्टेशनों एवं फायर हाईड्रेंट की भी उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल उपकरणों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती नीरू गर्ग एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक श्रीमती निवेदिता कुकरेती सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड के 51 सीमान्त ग्रामों का विलेज एक्शन प्लान 23 अक्टूबर तक भारत सरकार को भेजा जाएगा

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उत्तराखण्ड में चीन सीमा पर स्थित ग्रामों से आईटीबीपी एवं आर्मी द्वारा लोकल प्रोक्योरमेंट का अनुरोध

अपर मुख्य सचिव गृह श्रीमती राधा रतूड़ी ने वर्चुअल माध्यम से गृह सचिव भारत सरकार श्री अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना ‘‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’’ की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया। इस बैठक में चार राज्यों तथा समस्त केन्द्रीय मंत्रालयों ने प्रतिभाग किया। बैठक में गृह सचिव ने उत्तराखण्ड राज्य को 51 सीमान्त ग्रामों का विलेज एक्शन प्लान अति शीघ्र बनाकर भारत सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह विभाग उत्तराखण्ड श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि विलेज एक्शन प्लान 23 अक्टूबर तक प्रेषित कर दिए जाएंगे। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि राज्य सरकार को भी वीवीपी (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) के पोर्टल को देखने का अधिकार दिया जाए ताकि शीघ्र अनुपालन हो सके। एसीएस ने आग्रह किया कि चीन सीमा पर स्थित ग्रामों से आईटीबीपी एवं आर्मी द्वारा लोकल प्रोक्योरमेंट किया जाए इससे आजीविका के साधन बढ़ेगें एवं पलायन को रोका जा सकेगा। उक्त अनुरोधों पर गृह सचिव भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को सकारात्मक आश्वासन दिया गया।

उल्लेखनीय है कि यह उपयुक्त मुद्दों पर गत 7 अक्टूबर को केन्द्रीय गृह मंत्री एवं मुख्यमंत्री की बैठक पर भी चर्चा की गई थी।

विदित है कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत भारत सरकार सीमावर्ती गांवों को सशक्त बनाने का काम कर रही है। इन गांवों में सरकार रोड कनेक्टिविटी, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा सहित बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केन्द्र, बहुउददेशीय केंद्र और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य कल्याण केंद्रो से जोड़ना चाहती है। देश के पर्वतीय एवं सीमान्त राज्यों से इसकी शुरूआत की जा रही है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवो की पहचान गई है | पहले चरण में प्राथमिकता के आधार पर 662 गांव की पहचान की गई है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गांव, हिमाचल प्रदेश के 75, लद्दाख के 35, सिक्किम के 46 और उत्तराखंड के 51 सीमावर्ती गांवों को शामिल किया गया है |
[16/10, 7:04 pm] Ravi Vijrani Dgo: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 12 अक्टूबर को देवभूमि उत्तराखण्ड आगमन पर उत्तराखण्ड के छोलिया और झौडा लोक नृतकों की ढोल दमाऊँ लोक वाद्यों के साथ प्रस्तुति को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान प्राप्त हुआ है। यह जानकारी देते हुये निदेशक संस्कृति विभाग द्वारा बताया गया है कि सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में समुद्र तल से 5338 फीट (1627) मीटर की आश्चर्यजनक ऊँचाई पर एक अनोखा और ऐतिहासिक कार्यक्रम संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित किया गया। उत्तराखण्ड के इतिहास में पहला कार्यक्रम था जिसमें जनपद पिथौरागढ़ के सुदूरवर्ती अंचलों से छोलिया एवं झौड़ा नृत्यक दल के लगभग 3000 लोक कलाकारों द्वारा अपनी पारम्परिक वेश-भूषा एवं लोक गीतों के माध्यम से विश्व का ध्यान उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक एवं समृद्धशाली लोक सांस्कृतिक विरासत की ओर आकर्षित किया हिमालय के हृदय सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में एक असाधारण एवं अभूतपूर्व घटना दुनिया को देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ सुदूरवर्ती अंचलों से लगभग 3000 की संख्या में पहुँचे छोलिया एवं झौड़ा नृत्य दलों के लोक कलाकार अपनी पारम्परिक परिधानों एवं आभूषणों से सुसज्जित होकर प्रतिभाग करने पहुँचे तथा इस दौरान लोक गीतों एवं पारम्परिक लोक वाद्यों की धुनों से पूरा पिथौरागढ़ क्षेत्र गुज्यमान हो उठा उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत को देखकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भाव विभोर हो गये।

जनपद पिथौरागढ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं शान्त वातावरण के लिये ख्यतिलब्ध है। यहाँ हिमालय की ऊँचे-ऊचें हिम शिखर एक सजग पहरी के भाँति अडिग रहते हैं वहीं यह सीमान्त जनपद उत्तराखण्ड की छोलिया एवं झौड़ा लोक नृतक का सबसे बड़ा जमावड़े का केन्द्र रहा। उत्तराखण्ड के पारम्परिक लोक वाद्यों जैसे तुन, रणसिंघा, नागफनी, छोलिया ढाई व तलवार जैसे अन्य लोक वाद्य यन्त्रों ने पूरी घाटी को सुशोभित कर दिया।

निदेशक संस्कृति ने कहा कि जनपद पिथौरागढ़ के सीमान्त गांवों से आये हजारों लोक कलाकारों की जीवन्त एवं विविध संस्कृतियों उनकी साझा विरासत का जीवन्त परिचय इस कार्यक्रम में देखने को मिला। लोक कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन कर लोगों को मन्त्रमुग्ध कर दिया हिमालय पर्वत श्रृंखला की पृष्ठभूमि में आयोजित इस वृहद उत्सव ने इसे वास्तव में एक उल्लेखनीय और पहले कभी न देखा गया दृष्य बना दिया। इस कार्यक्रम में सीमान्त क्षेत्र की पारम्परिक एवं ऐतिहासिक लोक सांस्कृतिक विरासत की अदम्य भावना का प्रदर्शन किया गया लोक कलाकार अपनी पारम्परिक परिधानों एवं आभूषणों से सुसज्जित होकर प्रतिभाग करने पहुँचे तथा इस दौरान लोक गीत एवं पारम्परिक लोक वाद्यों की धुनों से पूरा पिथौरागढ़ क्षेत्र गुज्यमान हो उठा।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन का सफल क्रियान्वयन संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड एवं भारत सरकार की दूरदर्शिता और समर्पण का प्रमाण है, इतनी ऊँचाई पर लोक कलाकारों के इस विशाल जमावड़े से उत्तराखण्ड की अनूठी संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। इस ऐतिहासिक सभा में जहाँ उत्तराखण्ड की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत, लोक परम्पराओं एवं अदभूत प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय ऊँचाई समुद्र तल से 5338 फीट (1627) मीटर पर ढोल दमाऊ एवं अन्य विभिन्न पारम्परिक वाद्यों एवं लोक संगीत पर प्रदर्शन करने वाले छोलिया और झौड़ा लोक नर्तकों द्वारा एकत्रित होकर एक विश्व रिकार्ड बनाया है, जो इतिहास के पन्नों पर एक ऐसे आयोजन के रूप में दर्ज किया जायेगा।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिसम्बर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अधिक से अधिक निवेशकों की भागीदारी के लिये लन्दन के बाद दुबई एवं आबूधाबी के भ्रमण पर है।

सोमवार को दुबई एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों द्वारा उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुबई में रह रहे समस्त प्रवासी भारतीयों का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ‘इन्वेस्ट इन उत्तराखण्ड’ अभियान के तहत संयुक्त अरब अमीरात में उद्योगपतियों एवं प्रवासी भारतीयों से मिलेंगे। उत्तराखण्ड में निवेश की संभावनाओं पर आयोजित बैठकों में भी मुख्यमंत्री प्रतिभाग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही योग, आध्यात्मिक की भी भूमि है। उत्तराखण्ड देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखण्ड से जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासी उत्तराखण्डियों का आह्वान करते हुए कहा कि वह साल में एक बार अपने प्रदेश उत्तराखण्ड ज़रूर आएँ। इससे उनकी भावी पीढी को भी अपनी मातृभूमि से जुडने की प्रेरणा मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे प्रवासी भाईयों ने अपनी प्रतिभा एवं मेहनत से स्वयं के साथ अपनी मातृभूमि का भी नाम रोशन किया है। यह हम सभी के लिये सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि अपने अप्रवासी भाई-बहनों और उत्तराखंड सरकार के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा उनके निवेश प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उत्तराखण्ड अप्रवासी सेल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 40 हजार करोड के निवेश प्रस्तावों पर एम ओ यू हस्ताक्षरित हो चुके हैं। हमारा लक्ष्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य है। बडी संख्या में उत्तराखण्ड के प्रति देश विदेश के उद्यमियों द्वारा की जा रही पहल से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये आशान्वित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।

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