चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन िंसंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर कर आम लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराना है। इसी उद्देश्य के दृष्टिगत सरकार ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में लम्बे समय से रिक्त पड़े चिकित्सकों के बैकलॉग पदों को शीघ्र भरने निर्णय लिया। जिसके क्रम में विभाग ने बैकलॉग के 276 पदों को भरने के लिये राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेज दिया है।
डा. रावत ने बताया कि इस भर्ती से प्रदेशभर में चिकित्सकों की कमी दूर होगी और चिकित्सा इकाईयों में नियमित डॉक्टर आने से स्थानीय स्तर पर लोगों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि राजकीय चिकित्सालयों में रोगियों को किसी भी तरह की कठिनाई न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। चिकित्सा इकाईयों में दवाओं के साथ-साथ मरीजों को अच्छा इलाज मिले इसके लिये निगरानी तंत्र विकसित किया जा रहा है। साथ ही चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, फार्मासिस्टों की उपस्थिति पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है सरकार यह सुनिश्चित करने के लिये भी प्रयासरत है कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आम लोगों को आसानी से मिल सके।
दून मेडिकल कॉलेज को मिली सात और फैकल्टी
राज्य सरकार ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में सात और फैकल्टी की नियुक्ति को मंजूरी दी है। हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से इन फैकल्टी का चयन किया गया है। जिसमें दो एसोसिएट प्रोफेसर और पांच असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल है, जिन्हें संविदा के आधार पर नियुक्ति दी गई है। चयनित संकाय सदस्यों में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में डॉ. प्रियंका डोभाल व डेन्टिस्ट्री विभाग में डॉ. पल्लवी पाण्डेय को एसोसिएट प्रोफेसर के पद नियुक्ति दी गई है। इसी प्रकार असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर माइक्रोबायोलॉजी में डॉ. शिवांग पटवाल व डॉ मनीष कुमार, पैथोलॉजी विभाग में डॉ. अर्शी खान, ऑब्स एण्ड गायनी में डॉ. जूही चॉदना तथा न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ. अमित कुमार को नियुक्ति प्रदान की गई है। नई फैकल्टी के आने से मेडिकल कॉलेज में जहां शैक्षणिक गतिविधियों को बल मिलेगा वहीं बेस टीचिंग चिकित्सालय में मरीजों को बेहतर उपचार भी सुलभ होगा।