सरकारी अधिकारी यों की काली हल्दी लगाने के लिए किसानों को बीज़ नहीं दे रहे हैं
किसानों को बीज़ के अनुदान मिलने के लिए इच्छा शक्ति जगाने की आवश्यकता है
प्रदेश मे बहु ओषधि गुणों से भरपूर उपयोगी फसल काली हल्दी को जनवरो से नुकसान नहीं होता है।इसका उत्पादन करने के लिए सरकारी विभागों के अधिकारियों को इच्छा शक्ति जगाने की आवश्यकता है प्रदेश के मुख्य उद्यान अधिकारी उद्यान निदेशक के आदेश पर ध्यान नहीं क्यों नहीं दे रहे हैं य़ह सोचने का विषय है जिन किसानों ने उद्यान मंत्री उत्तराखंड से काली हल्दी लगाने के लिए विभागीय सहायता के लिए कार्रवाई करने के आदेश उद्यान निदेशक को कराये उस पर जिला के मुख्य उद्यान अधिकारी ने केंद्र सरकार की किसानों की आय बढ़ाने के लिये किया गया प्रयास को लेकर रूचि नहीं दिखाई हैं।जिससे मंत्री के द्वारा की गयी कार्रवाई करने के चलते किसानों ने बहुत कीमत पर बिकने वाली फसल के महंगे बीज़ मंगा कर लगाया है जिसके बीज़ का आधा अनुदान विभागीय सुविधा प्रदान किसानों को करने की हैं।उद्यान निदेशक के लिखित आदेश की बात करें तो वह लम्बित पडी है।
इस सीजन में 1200 किसानों ने महंगा काली हल्दी लगाने का काम शुरू किया है। वहीं इस सीजन में बारिश के मौसम से फसल उठ नहीं पाई है जिससे प्राकृतिक मार बड़ी मात्रा में नुकसानदायक हो गई है,।सरकारी अनुदान देने के लिए सरकार को सहयोग करने की आवश्यकता सरकारी कर्मचारी अधिकारी को लोक वित्त से वेतन मिलता है। और लोक की यानि जनता की सेवा के लिए उनकी रुचि नहीं है, तब प्रदेश के विकास में कितने भी आयोजन सरकार जनता के लिए करते रहे वह जनता तक नहीं पहुंच पाने से जनता के धन की बर्बादी है।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में 08 एवं 09 दिसम्बर, 2023 को देहरादून में आयोजित हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को सभी तैयारियों समय से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिट के दौरान आयोजित हो रहे प्रत्येक इवेंट की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर ली जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान शहर के यातायात एवं सुरक्षा से सम्बन्धित सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यातायात के कारण देश-विदेश से आ रहे निवेशकों के साथ ही आमजन को परेशानी न झेलनी पड़े इसका ध्यान रखा जाए। इसके लिए अन्य जनपदों से भी यातायात पुलिस की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल के आसपास पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निवेशकों को आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कराया जा सकता है।* उन्होंने समिट से पहले शहर के सौन्दर्यीकरण कार्य को पूरा करने के साथ ही सड़कों की स्थिति दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, फाईबर लाइन्स एवं केबल टीवी आदि की तारों को अंडरग्राउण्ड किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी. षणमुगम, विनोद कुमार सुमन एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास
प्रदेश के विकास के लिए हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान जरूरी- सीएम धामी
सीएम धामी ने ईजा- बैंणी महोत्सव में महिलाओं को किया सम्मानित
आर्मी गेट से एमबीइंटर कॉलेज चौराहे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों और छोलिया दल रहा मुख्य आकर्षण का केंद्र
महिला, पुरुषों के साथ ही भावी पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत और धरोहर हस्तांतरित करने का कार्य भी किया महोत्सव ने
मातृशक्ति पर पुष्प वर्षा कर सीएम ने किया अभिनंदन
स्थानीय उत्पादों व हस्तकला को बड़ा बाजार उपलब्ध करने के लिए जल्द उठाएंगे जरूरी कदम
हल्द्वानी स्थित एमबी इंटर कालेज में गुरुवार को ईजा- बैंणी महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नैनीताल समेत अन्य जिलों से करीब 40 स्वयं सहायता समूहों ने पहाड़ी उत्पादों के स्टाल लगाए। महोत्सव में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के लिए 713 करोड़ की 66 योजनाओं का लोकार्पण और 193 योजनाओं का शिलान्यास किया।
ईजा बैंणी महोत्सव को लेकर आर्मी गेट से लेकर एमबीइंटर कॉलेज चौराहे तक पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र छोलिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। बता दें कि कुछ समय पूर्व ही उत्तराखंड का छोलिया गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। राज्य की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत को देखकर आगंतुक भी झूम उठे। सुबह 09 बजे से कार्यक्रम की समाप्ति तक अपने प्रदर्शन से दर्शकों को बांधे रखने के साथ ही उत्तराखंड की विरासत को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया। तिकोनिया चौराहे से दुर्ग सिटी सेंटर चौराहे तक दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया इस दौरान स्कूली बच्चे वह महिलाओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
महोत्सव में पहुंचे सीएम धामी का महिलाओं ने दुर्गा सिटी सेंटर में फूल मालाओं के साथ कलश यात्रा कर जोरदार स्वागत किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल में पहुंचे सीएम धामी ने सर्वप्रथम 713 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पणों शिलान्यास किया हुआ प्रदेश के अन्य जनपदों के विकास योजनाओं का भी शिलान्यास व लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल में महिला समूहों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण कर महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। जहां महिलाएं सीएम धामी का स्वागत कर रहीं थी। वहीं सीएम धामी ने भी महोत्सव में पहुंची महिलाओं का पुष्प वर्षा कर आभार व्यक्त किया।
सीएम धामी ने कन्या पूजन और दीप प्रज्जवलित कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के विकास के लिए महिलाओं को योगदान बहुत जरुरी है। कहा कि मातृ शक्ति के सहयोग से राष्ट्र का संपूर्ण विकास होगा। इस दौरान उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में स्टार्ट अप कर रही महिलाओं से बात कर महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उत्कृष्ट महिला उद्यमी महिलाओं को सम्मानित किया। जिसमें लीला मटियाली, कमला नेगी, कृति, मिनाक्षी खाती, श्रद्धा कांडपाल, हेमा परगांई, कमला नेगी, पूजा रावत, कमला अरोड़ा, गुंजन, निर्मला देवी, कोमल अधिकारी, मनोरमा, खष्टी राघव को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणाएं
ईजा बैंणी महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिले के लिए कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की। जिसमें मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर राजौरी में शहीद संजय बिष्ट की याद में रातीघाट स्थित इंटर कालेज को शहीद संजय बिष्ट इंटर कालेज के साथ हली मोटर मार्ग को शहीद संजय बिष्ट के नाम से जानने की घोषणा की। साथ ही राजकीय इंटर कालेज कालाढूंगी में सड़क का विस्तार, हल्द्वानी गौवंश संरक्षण के लिए जल्द ही गौशाला निर्माण, शीशमहल स्थित फिल्टर प्लांट का क्षमता विकास, रानीबाग पुल का निर्माण करने की बात कही।
हल्द्वानी हरित कोयला परियोजना
नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम एवं एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मध्य एमओयू किया गया। अनुमानित परियोजना लागत ₹ 230 Cr है जिसे एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा ही वहन किया जाना है। यह उत्तराखंड की प्रथम सुविधा है जो नगरीय ठोस अपशिष्ट को हरित चारकोल में बदलेगी। गौला रौखड़ (गौला बायपास रोड), हल्दवानी में प्लांट प्रस्तवित है।
भारत सरकार के द्वारा अत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करने के लिए हल्द्वानी में एक “वेस्ट टू चारकोल” सुविधा स्थापित की जाएगी। जिसमें नगर निगम द्वारा एकत्रित किया गया 500 टन प्रति दिन (टीपीडी) नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम.एस.डब्ल्यू.) को चारकोल में प्रसंस्कृत किया जायेगा। यह सुविधा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी और भारत सरकार के अत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करेगी।
यह परियोजना हल्द्वानी के लिए महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगी, जो कूड़े से मुक्त शहरों के रूप में होगा, जो भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। इस परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 1.5 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड में कमी की उम्मीद है।
पौष्टिकता से भरपूर है उत्तराखंड का मोटा अनाज
पहाड़ी उत्पादों की अम्मा की रसोई का लिया स्वाद
पहाड़ का मोटा अनाज यानी श्री अन्न द्वारा निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों का स्टालों से प्रदर्शन किया गया। महोत्सव में पहुंचे लोगों ने झंगोरे की खीर, मंडवे की पूरी, पिंडालु, दाल के पकोड़े, गहथ के दुबके आदि का स्वाद लिया। राज्य के उत्पाद अपने स्वाद के साथ ही पौष्टिकता से भरपूर है। जहां कंडाली का सेवन एनीमिया में फलदायक है वही मंडवे में दूध से अधिक कैल्शियम पाया जाता है।
सीएम ने पारंपरिक मिट्टी का घड़ा बनाकर लोकल फॉर वोकल को किया प्रमोट
हथकरघा, ऐपन, स्वयं सहायता समूह के लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी लगी
महोत्सव में लाइव कला का प्रदर्शन कर रहे कुम्हार के साथ घड़ा बनाने में हाथ बढ़ाकर सीएम ने कारीगरों का मनोबल और मान बढ़ाया। वहीं वोकल फॉर लोकल उत्पादों का प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा कि लोकल उत्पाद पहाड़ की पहचान के साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी सहायक है। विदेशों में उत्तराखंड के हथकरघा और हस्तकला की मांग बढ़ती जा रही है। हमें राज्य की कलाओं को संरक्षण और संवर्धन के साथ ही बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी कार्य रहे है जिससे कलाकारों को उनके उत्पादों की विदेशों के साथ ही देश में भी उचित दाम मिल सके। महोत्सव में लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई और उनकी अच्छी खासी बिक्री भी हुई।
नंदा गौरा योजना की तिथि बढ़ी
महोत्सव में पहुंची महिला सशक्तिकरण एवम् बाल विकास मंत्री और नैनीताल प्रभारी रेखा आर्या ने महिला समूहों और महिला हित के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं छोटे छोटे उद्योग और पहाड़ी उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही है। जो कि राज्य के लिए गर्व की बात ही। उन्होंने कहा कि नंदा गौरा योजना की आवेदन तिथि 20 दिसंबर बढ़ा दी गई। इच्छुक प्रतिभागी 20 दिसंबर तक आवेदन कर सकती हैं।
जिलाधिकारी वंदना चौहान ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा आज के समय में महिलाओं को उद्योग से जुड़ने के लिए संसाधन बहुत हैं। साथ ही सरकार भी महिलाओं को सशक्त बनाने के हर संभव कार्य कर रही है। समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराईयों और कुरुतियों को हटाने के लिए हम सबको आगे आना होना।
कार्यक्रम में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी वंदना चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मेयर डा. जोगेंद्र पाल रौतेला, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, मंडी अध्यक्ष डां अनिल कपूर, भीमताल विधायक राम सिंह कैंड़ा, नैनीताल विधायक सरिता आर्य, लालकुआं डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट, रामनगर दीवान सिंह बिष्ट, एडीएम शिव चरण द्विवेदी, महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका जीना, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट, सुरेश भट्ट सहित काफी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।
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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में रेलवे से संबंधित मुद्दों के निस्तारण के लिए डिवीज़नल रेलवे मैनेजर मुरादाबाद राजकुमार सिंह के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने रेलवे एवं उत्तराखण्ड सरकार के अधिकारियों को सकारात्मक रुख़ अपनाते हुए दोनों ओर आ रही समस्याओं को लगातार बैठकें आयोजित कर निस्तारित करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने रेलवे को हर्रावाला रेलवे स्टेशन को 24 कोच टर्मिनल बनाए जाने को लेकर कार्यों में तेज़ी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिए भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू किए जाने हेतु रेलवे और शासन की ओर से कार्रवाई में तेज़ी लाए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने भंडारीबाग़ आरओबी की रेलवे बोर्ड स्तर पर अटकी स्वीकृति शीघ्र करवाये जाने के भी निर्देश दिये। डीआरएम मुरादाबाद ने इस पर एक हफ़्ते में स्वीकृति दिलवाए जाने का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव ने देहरादून मोहंड सहारनपुर नई रेलवे लाइन की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि फ़रवरी माह तक इस नई रेलवे लाइन का सर्वे का कार्य पूर्ण हो जाएगा। डीपीआर कार्य को स्वीकृति मिल गई है शीघ्र ही डीपीआर तैयार हो जाएगी। उन्होंने रेलवे भूमि में अतिक्रमण को रेलवे और सम्बन्धित ज़िलाधिकारियों को नये अतिक्रमण रोकने के लिए लगातार आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने रेलवे और वन विभाग के बीच मुद्दों को भी आपसी तालमेल के साथ निस्तारित किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और अन्य सभी सम्बन्धित विभाग एक दूसरे के साथ आ रही समस्याओं से संबंधित विभागों से तत्काल अवगत कराएँगे, संबंधित विभाग 15 दिन के अंदर बैठक आयोजित करा कर समस्या के निस्तारण के लिए सहयोग करेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक, सचिव अरविंद सिंह ह्याँकी, सचिन कुर्वे एवं वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार एवं देहरादून जनपदों के ज़िलाधिकारी उपस्थित थे।
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छठी वर्ल्ड कांग्रेस ऑन डिजास्टर मैनेजमेंट के तीसरे दिन आज देश-विदेश से आए वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने तकरीबन हर तरह की आपदाओं में होने वाली जान- माल की क्षति कम करने के उपायों पर गहन मंथन किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर शाम इस वैश्विक सम्मेलन में पहुंच कर दुनिया भर से आये विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से मुलाकात की। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के सिल्वर जुबली कनवेंशन सेंटर में आयोजित इस चार दिवसीय विश्व स्तरीय सम्मेलन में आज का प्रथम सत्र काफी महत्वपूर्ण रहा I आपदा प्रबंधन पर विश्व स्तर के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन के इस सत्र में हिमालय में लचीलापन और सतत विकास के पर वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञ ने विचार व्यक्त किएI वहीं, द्वितीय सत्र में देश के विभिन्न राज्यों, जो कि आपदा ग्रसित होते रहते हैं, को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई तथा साथ ही वैश्विक स्तर तक क्षमता निर्माण के पर विशेषज्ञों ने विशेष रूप से अनुभव और विचार साझा किए I अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में तकनीकी सत्र भी रखे गए , इनमें क्षमता निर्माण को वैश्विक रणनीति का हिस्सा बताया गया I
विशेषज्ञों ने कहा कि शोध हमारे लिए जितने महत्वपूर्ण हैं और उनका कार्यान्वयन भी उतना ही अहम है। वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने विषम हालात में परिस्थितियों से खुद को बचाने, हिमालय क्षेत्र में विकास के महत्व को समझने, एकीकृत तरीके से ग्लेशियर के प्रभाव, उनके विभिन्न पहलुओं को समझ कर कदम उठाने चाहिए, जैसे अहमतरीन सवालों के जवाब भी सुझाये। इस महासम्मेलन में आपदाओं से निपटने की तैयारी पहले से करने को क्षति कम करने के लिए बहुत प्रभावी बताया गया|
टेक्निकल सत्र में विरासत और जलवायु के लिए नेट शून्य, सामुदायिक स्वास्थ्य, लचीलापन और तैयारियों पर पैनल चर्चा के साथ ही टर्की, सीरिया, मोरक्को, अफगानिस्तान, नेपाल और हैती के आपदा क्षेत्रों में मियामोटो के अनुभव से सबक लेने, ताप कार्य योजना, मानवीय सहायता और आपदा राहत में भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका, पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र में स्थायी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए जलवायु, लचीली प्रौद्योगिकियों, जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंथन किया गया।
सम्मेलन में आज तीसरे दिन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ.पेमा ग्याम्त्शो (आईसीआईएमओडी, नेपाल) ने कहा कि पहाड़ सुलभ हैं और वे हमें देश की सामाजिक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की सीमांतता और नाजुकता के बारे में भी बताते हैं और भविष्य में होने वाली भिन्न-भिन्न आपदाओं को और करीब से समझ कर उसका समाधान करने की महत्ता और तीव्रता का अहसास कराते हैं।
सत्र के मुख्य अतिथि विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि स्थिरता और विकास हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण पहलू हैं I हमने समय-समय पर कई खतरों और वातावरण की विकट एवं विपरीत परिस्थितियों का अनुभव किया है I उन्होंने पिछले दिनों हुई जोशीमठ की प्राकृतिक आपदा का हवाला देते हुए कहा कि इस आपदा ने न सिर्फ वहां के लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि आर्थिक रूप से भी क्षति का सामना हमें करना पड़ा है I यह हमारे लिए वास्तव में एक गंभीर घटना है और सबको ऐसी घटनाओं के प्रति पूर्ण रूप से जागरुक तथा सजग होना होगा I
विकास नगर क्षेत्र के विधायक चौहान ने जागरुकता एवं गंभीरता के लिए शिक्षा को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह तभी संभव है जब हम अपने कर्तव्यों के लिए पूरी तरह से संवेदनशील होंगे I कार्यक्रम में अन्य कई विशेषज्ञ वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। प्रो. मार्कस मार्टिन नुसर ( भूगोल विभाग, दक्षिण एशिया संस्थान, हीडलबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी) ने कहा कि विश्व भर में जगह-जगह ग्लेशियर पिघलना भारी खतरे का आभास हम सभी को करा रहे हैं I उन्होंने कहा कि ग्लेशियर पीछे हटने के कारण झील क्षेत्र में भारी वृद्धि हुई हुई है I उन्होंने 2014 में ग्या के ग्रामीणों के बारे में भी बताया। 30 साल पहले बिना बारिश के एक छोटी सी बाढ़ आई थी, जिससे मैदानी क्षेत्रों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि 2014 के आसपास झील में वृद्धि देखी और फिर 2019 में एक बड़ी वृद्धि देखी गई, बाद में यह स्वीकार किया गया कि क्रायोस्फीयर खतरों की बढ़ती संभावना पर सूक्ष्म दृष्टि करने की आवश्यकता है I स्थानीय आपदा जागरूकता और तैयारी अभियानों को कुशल और विश्वसनीय प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और स्थानीय पर्यावरण ज्ञान और अनुभव के एकीकरण के साथ-साथ तकनीकी निगरानी उपायों (सेंसर और कैमरों की स्थापना) को साइट-विशिष्ट भूमि उपयोग योजना और पर्याप्त अनुकूलन रणनीतियों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। आपदा, अपरिहार्य का प्रबंधन), शहरीकरण प्रक्रियाओं और नए बुनियादी ढांचे के विकास से आम तौर पर बाढ़ से संभावित नुकसान और क्षति बढ़ जाती है यहां तक कि छोटे गोल्फ भी स्थानीय आजीविका के लिए संभावित रूप से हानिकारक हैं |यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ दुर्गेश पंत ने आपदाओं से निपटने के लिए सतत प्रयासों और पहले से रणनीति बनाने की जरूरत बताई l
वक्ता डॉ. गौहर मेराज ( जेएसपीएस पोस्ट – डॉक्टर फेलो, टोक्यो विश्वविद्यालय, जापान ) ने कुशन आपदा प्रबंधन के लिए कारण को समझना, प्रबंधन के लिए रणनीति तैयार रखना शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में एक शोधकर्ता होने के नाते कुछ कर्तव्य हैं जिनका पालन करना चाहिए I हमारे सामने व्यवहारिक समाधान, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन व्यावहारिक विकल्प हैं। सम्मेलन की तीसरी शाम पर्यावरण की सुरक्षा की शपथ दिलाई गई l