धर्मशास्त्र व संविधान भिन्न भिन्न नहीं,-शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज
सेंट्रल बार एसोसिएशन के दोनों अध्यक्ष जी ने संयुक्त रूप से महाराज की पादुका का पूजन किया*
वाराणसी, 3.1.25
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मंगलेश जॉय एवं बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री शशि तिवारी जी ने संयुक्त रूप से केदारघाट के बगल में स्थित श्रीविद्यामठ में परमधर्माचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर जग्गुरु भगवान स्वामीश्री: अविमुक्तानंदेश्वर:सरस्वती महाराज जी की चरण पादुका का पूजन किया। ।। .. ..कर आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर परमधर्मपीठाधीश्वर जी महाराज ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था धर्म शास्त्र के अनुकूल है। आज कल संविधान को धर्म वाले धर्म शास्त्र से अपने-अपने अंतर मिलते हैं। एक साथ निर्मित संविधान में दोनों में विरोधाभास समाप्त हो गया। उनके पादरी जी ने कहा था कि इच्छा है कि वाराणसी कोर्ट में ही धर्मशास्त्रों के अनुसार बहस हो।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मंगलेश जोसे ने कहा कि समाज का कोई व्यक्तिगत धर्म नहीं है। ..
और आज भी हम लोग सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु शिष्य जी के शरण में आये थे तो न्यायपथ पर चल रहे थे।
सेंट्रल एवेंजर्स बार के नवनिर्वाचित राष्ट्रपतिद्वय श्री मंगलेश एवं शिशिर तिवारी जी का नागरिक अभिनंदन पूर्व संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन अजय पांडे, न्याय सेवालय के डॉ. यूनाइटेड ग्रुप लीडरशिप के रूप में बीयर चंद्रा तिवारी, रमेश उपाध्याय जी ने काम किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-विश्वनाथ मंदिर के महंत रजिंजय तिवारी,प्रजानाथ शर्मा,डॉ साकेत शुक्ला,संजीव सिंह,सतीश कसेरा,डॉ उमापति उपाध्याय,शिवकुमारपेंडेक,कीर्ति हजारी शुक्ला,भोला यादव,महेंद्र यादव,अतुल पैवेलियन,अतुल त्रियाल, शशांक वकील, ए.के.द्विवेदी, विनोद शुक्ला, प्रथमेश पेंडेज़, एस.के.द्विवेदी,
विनय राय, विंध्याचल बजाज, आनंद विजय, शशिरअहरि, किशन मठ, सहित भारी संख्या में अध्विकागण उपस्थित थे।
ये है जानकारी संजय पेंजेल-मीडिया प्रभारी। परमाराध्य परमधर्माधिकारी ज्योतिषपीठाधीश्वर जग्गुरु पितृ जी महाराज।
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उनके ऊपर दिए गए निम्न सिद्धांतों के बाद संत समाज पर हमला किया गया और संत समाज के साथ ऐसा व्यवहार किया गया
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