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आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री ने किया रवाना

देहरादून; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल ;आईटीबीपीद्ध के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्राी ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। विमान दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईटीबीपी के वीर जवानों, अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल साहस और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। यह अभियान न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करेगा, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान तथा स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तरांखड से बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा करने वाले वीर जवान देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, वर्ष 1962 से लगातार देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आपदाओं के समय भी राहत व बचाव कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्राी ने प्रधनमंत्राी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्रा बलों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिब(ता अटल है।


मुख्यमंत्राी ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृ(ि की गई है, और बलिदानियों के अश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष कर दिया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प डड्ढूटी में छूट, और बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

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