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Tue. May 6th, 2025

कठूड़बड़ा में 29 शिकायतें दर्ज, 16 का मौके पर निस्तारण

शिविर में दर्ज शिकायतों का तत्काल निस्तारण करें अधिकारी- डीएम

ग्रामीणों की आवाज बना त्वरित समाधान दल

पौड़ी। द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कठूड़बड़ा परिसर में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में त्वरित समाधान दल के तहत शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कुल 29 शिकायतें दर्ज हुई, जिनमें से 16 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। जबकि शेष शिकायतों को एक सप्ताह के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए हैं।

आयोजित शिविर में सिलोगी गांव की गीता देवी ने नंदा गौरा योजना का लाभ न मिलने की शिकायत की, तो डोबरी गांव की साधना देवी ने पुत्र के दिव्यांग प्रमाणपत्र और स्वास्थ्य जांच की मांग रखी। बन्नी गांव के सोबन सिंह ने ग्वील-गढ़कोट मोटर मार्ग व कठूड़बड़ा के दयाराम कुकरेती ने देवीखाल-कठूड़बड़ा मार्ग के लंबित मुआवजे मांग की। वहीं मित्रगांव के कमलेश्वर प्रसाद ने ग्वील-गढ़कोट से मित्रगांव को जोड़ने वाले मार्ग के डामरीकरण की मांग उठाई। मंजोर गांव के ग्राम प्रहरी खुशीराम ने वेतन न मिलने की समस्या बताई। सौड़ गांव के संतन सिंह ने मिलन केंद्र, बारातघर व पंचायत भवन के उपयोग की जांच की मांग की।

गैंड़ गांव के प्रशासक ने प्राथमिक विद्यालय जसकोट भवन की मरम्मत की तथा राजेश्वर सेमवाल (बागों गांव) ने एक वृद्ध के घर की पाइपलाइन तोड़े जाने और अवैध रूप से बने गौशाला की जांच की मांग की। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को तत्काल गौशाला के जांच करने के निर्देश दिए हैं। वहीं कठूड़बड़ा निवासी उमानंद ने सड़क पुस्ता टूटने की शिकायत और टाटरी गांव के गिरीश सिंह ने असीनखाल से महादेव चट्टी पैदल मार्ग के क्षतिग्रस्त होने की बात कही। सौई गांव के मनोज सिंह ने अपनी पुत्री को नंदा गौरा योजना का लाभ न मिलने की शिकायत की।

इसके अलावा शिविर में कठूड़बड़ा के दीपक कुमार ने गांव में जगह-जगह क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनें और घर का सोलर पैनल ख़राब होने की समस्या उठाई, जिस पर जिलाधिकारी ने उरेडा अधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए। गूम गांव के ग्रामीणों ने प्राकृतिक जल स्रोत की मरम्मत की मांग जबकि जसपुर गांव के रूपचंद जखमोला ने तेंदुए की चहलकदमी और स्वास्थ्य केंद्र के सुदृढ़ीकरण की मांग रखी। जिलाधिकारी ने वन विभाग को गश्त बढ़ाने और स्वास्थ्य केंद्र को जिला योजना में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। वहीं रिंगालपानी के ग्रामवासियों ने पेयजल टैंक की क्षमता बढ़ाने की मांग की, जिलाधिकारी ने पेयजल विभाग को निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कठूड़बड़ा में जगह-जगह फैले कूड़े का निस्तारण न करने पर जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के वेतन आहरण पर रोक लगाने निर्देश हैं।

शिविर में जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए इस प्रकार के शिविर आवश्यक हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो शिकायतें आज निस्तारित नहीं हुईं, उनका समाधान एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित करें। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता जनता की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना है। त्वरित समाधान शिविरों का उद्देश्य यही है कि अधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनें और उन्हें मौके पर ही हल करें। हमारी कोशिश है कि कोई भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारी से कार्य करने को कहा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता व विश्वास को सशक्त किया जा सके।

शिविर में जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, उप जिलाधिकारी यमकेश्वर अनिल चन्याल, महाप्रबंधक उद्योग सोमनाथ गर्ग, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी अरुण कुमार वर्मा, खंड विकास अधिकारी यमकेश्वर दृष्टि आनंद, द्वारीखाल जयकृत बिष्ट, खंड शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र नेगी, नायब तहसीलदार वैभव जोशी सहित अन्य अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित थे।

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