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साइंटिफिक-एनालिसिस🔬प्राकृतिक न्याय की अवधारणा बताई फिर उसकी धज्जियां उडा कर चले चंद्रचूड़,Ukd पंवार का धरना-प्रदर्शन, बाबी का मुख्यमंत्री आवास कूच

साइंटिफिक-एनालिसिस🔬

प्राकृतिक न्याय की अवधारणा बताई फिर उसकी धज्जियां उडा कर चले चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चन्द्रचूड ने पद ग्रहण करने के बाद प्राकृतिक न्याय की अवधारणा समझाकर न्यायपालिका, संवैधानिक व्यवस्थाओं व देशवासियों के मध्य पहले अपनी ईज्जत बनाई और फिर स्वयं ही प्राकृतिक न्याय की अवधारणा की धज्जियां उड़ा उस ईज्जत को लात मारकर सेवानिवृत होकर जा रहे हैं।

10 नवम्बर, 2024 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहने वाले चन्द्रचूड साहब ने पदग्रहण करने के बाद तथाकथित केन्द्र सरकार या कार्यपालिका द्वारा सुनवाई के समय बन्द लिफाफे में जवाब दिये जाने के शुरू किये नये तरीके को आडे हाथों लिया था और इसे प्राकृतिक न्याय की अवधारणा के खिलाफ बताकर ऐसे बन्द लिफाफो को लौटाकर इस सिलसिले को अपने स्तर पर बन्द किया था | इस मामले को बडी संविधान पीठ के पास भेज, संविधान में स्थाई रूप से जोडने का कार्य नहीं करा |

यह बन्द लिफाफा किसी भी दृष्टिकोण से गलत था इसलिए हर देशवासियों ने इसके पीछे जो प्राकृतिक न्याय की बात करी उसे खुशी – खुशी स्वीकार लिया | इस बन्द लिफाफे में पैसा किसी पद का लालच, किसी प्रकार की धमकी व न्यायाधीश के सामाजिक एवं पारिवारिक लोगों के नाम से टॉर्चर या खुश करने की बात भी हो सकती हैं |

इस प्राकृतिक न्याय की अवधारणा को चन्द्रचूड साहब ने ही पद पर रहते हुए गणेश चतुर्थी पर श्री नरेन्द्र मोदी जो कार्यपालिका के प्रमुख प्रधानमंत्री पद पर नौकरी कर रहे हैं उनको अपने घर पर पूजा के लिए बुलाकर तार-तार कर दिया और हर देशवासी के दिल-दिमाग में न्याय के प्रति जो आस्था पैदा करी उसे रौंद डाला | यह बात पूर्णतया सही हैं की संविधान के अनुसार राष्ट्रपति महोदय की ही निजी जिन्दगी नहीं होती जबकि मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री की होती हैं | इस निजी कार्यक्रम में अन्दर आपस में क्या बात हुई यह गोपनीय है। बन्द लिफाफे की तरह इसमें पैसा, पद का लालच भी हो सकता है और किसी प्रकार की धमकी के साथ सामाजिक स्तर पर टॉर्चर व खुश करने की बात भी | यह मान लिया जाये की ऐसा कुछ नहीं हुआ होगा परन्तु भविष्य में ऐसा होने का मार्ग तो बना दिया गया हैं।

इन सबसे अलग जाते-जाते व्यक्तिवाद  के दीये तले पूरी न्यायपालिका व भारत के मुख्य न्यायाधीश के संवैधानिक पद को भ्रष्टाचार के पोषक व अग्रणी होने के दाग से जोडने के साथ-साथ इन दोनों की मर्यादा व ईज्जत को बाजारू तौर पर बेच, जेब भरने एवं मोटा फायदा लेने का काम कर गये | भारत के मुख्य न्यायाधीश चन्द्रचूड साहब जी ने अन्तिम दिनों में एक निजी टी. वी. चैनल के प्रोग्राम में जाकर साक्षात्कार देने का काम किया | सेवानिवृत के बाद भी साक्षात्कार दिया जा सकता था परन्तु न्यायपालिका के संस्थान के बारे में तनीक भी नहीं सोचा | इस टी. वी. चैनल के प्रोग्राम का चयन कैसे हुआ, दूसरे मीडिया प्लेटफार्म का कोई वजूद  नहीं हैं क्या ? इस चैनल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर टी. आर. पी. के माध्यम से अन्य को पलीता लगाकर जो मलाई मारी उसका जवाब  कौन देगा? सबसे महत्तवपूर्ण बात कई चैनल प्रोग्राम पर बुलाने के पैसे देते हैं इसलिए चन्द्रचूड साहब ने कितने की बोली में इस प्रोग्राम को चुना, ऐसा सामान्य प्रश्न एक अल्पबुद्धि वाले व्यक्ति के दिमाग में भी चौंध गया |

कई न्यायाधीश सेवानिवृत के बाद टी. वी. प्रोग्राम में मेहमान बनकर जाते हैं, किताबे लिखते हैं, अखबारों के लिए लेख लिखते हैं, इसलिए आगे की लाईन सेट करने का खेल भी हो सकता है। पहले भी चार न्यायाधीशों ने पद पर रहते हुए प्रेस-कान्फ्रेंस करी थी न कि निजी प्लेटफार्म को इन्टरव्यू का सहारा लिया था | मीडिया को संवैधानिक चेहरा नही दे रखा हैं यह बात चन्द्रचूड साहब को अच्छी तरह मालूम थी तब भी उसे बहाली न करवा के लोकतन्त्र को मजबूत नहीं करा बल्कि अपनी अभिलाषा, लालच व स्वार्थ को पूरा करने का काम करा | चन्द्रचूड साहब इस चिंता में डूबे हैं कि   इतिहास उनके कार्यकाल को किस रूप में देखेगा | विज्ञान के सिद्धान्त पर इसे परखे तो इनके सेवानिवृत होने के बाद संविधान, लोकतन्त्र व व्यवस्था को बर्बाद व खत्म करने में उच्चतम न्यायालय की कितनी भूमिका रही उस आधार पर पूरे कार्यकाल का आकलन होने लगेगा |9

शैलेन्द्र कुमार बिराणी
युवा वैज्ञानिक

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*आज राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेतृत्व में प्रदेश के हजारों बेरोजगारों द्वारा पुलिस भर्ती में आयु सीमा में छूट, पुलिस भर्ती में महिला पदों की मांग एवं वन आरक्षी वेटिंग में चयनित अभ्यार्थियों की तत्काल नियुक्ति की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया गया । हाथीबड़कला में पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर पुलिस और बेरोजगारों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। कई बेरोजगार युवा-युवतियां बैरिकेडिंग पर चढ़ गए तथा कुछ बेरोजगारों को चोटें भी आई हैं एवं कई युवा युवतियों के कपड़े भी फाड़े गए हैं। उत्तराखंड सरकार के इशारे पर देहरादून पुलिस द्वारा जबरन बेरोजगार युवाओं एवं युवतियों को सड़क पर घसीट-घसीट कर गिरफ्तार कर लिया गया है। कई युवा युवतियों को चोटें भी आई हैं। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इशारे पर पुलिस ने उत्तराखंड के बेरोजगारों की गिरफ्तारी कर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों सहित प्रदेश की समस्त जनता का अपमान किया है जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। बॉबी पंवार ने कहा इसका जवाब देने उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेतृत्व ने सैकड़ों बेरोजगार जल्द केदारनाथ भी जायेंगे ओर घर-घर जाकर सरकार की जनविरोधी नीतियों, बेरोजगारों के प्रति सरकार के उदासीन रवैए एवं सरकार द्वारा किए गए व्यापक भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे और सरकार को करारा जवाब देंगे। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि लंबे समय से संघर्ष करने,भूख हड़ताल करने,टंकी पर चढ़ने,सचिवालय कूच करने, मुख्यमंत्री आवास कूच करने , पुलिस

मुख्यालय,सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं स्वयं मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांग रखने के बावजूद भी पुलिस भर्ती में आयु सीमा न बढ़ाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह ने कहा कि 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के उत्तराखंड में 25 वर्ष के युवाओं को शासन-प्रशासन द्वारा बुजुर्ग बताकर पुलिस भर्ती में मौका न दिया जाना प्रदेश के लिए बड़े शर्म की बात है तथा प्रदेश के युवाओं का घोर अपमान है। बेरोजगार संघ के कुमाऊं मंडल संयोजक भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि यदि अभी भी सरकार द्वारा बेरोजगारों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो बहुत जल्दी कुमाऊं में भी एक बड़ी भीषण रैली की जाएगी और सरकार से हर स्तर पर लड़ा जाएगा। काशीपुर से आई कुसुम लता बौड़ाई ने पुलिस पर महिलाओं के साथ बदसुलूकी एवं छेड़छाड़ करने के भी आरोप लगाए हैं। उत्तराखंड सरकार के इशारे पर देहरादून पुलिस द्वारा उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार, प्रदेश उपाध्यक्ष राम कंडवाल, प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह, प्रदेश सचिव नितिन दत्त, कुमाऊं मंडल संयोजक भूपेंद्र कोरंगा, पीयूष जोशी, जसपाल चौहान , विशाल चौहान, जसपाल चौहान, मनदेव राणा, अरविंद पंवार,अखिल तोमर, विरेन्द्र चिरवान सहित कई युवाओं के अतिरिक्त कुसुमलता बौड़ाई, दिव्या चौहान,डिंपल नेगी, रेनू,प्रियांशी सहित कई युवतियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।**उत्तराखंड बेरोजगार संघ**मो० 9568995137,7300586755*आगे पढ़ें

त्रिवेन्द्र गुट  का 48 घण्टे का ucc के खिलाफ  दीनदयाल  पार्क धरना-प्रदर्शन आगे पढ़ें  पंवार के समर्थक नारे लगा कर  बाबी पावर  का समर्थ न  करते हुए 2 पेज  पढ़े वीडियोग्राफी में  नारे लगा कर सरकार का विरोध करते हुएl

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