आज उत्तराखण्ड देवभूमि ट्रक आनर्स महासंघ द्वारा एक प्रेस वार्ता कर बताया कि प्रशासन ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ अभियान चलाए। उन्होंने कहा कि विगत नवंम्बर 2023 से लगातार उत्तराखण्ड देवभूमि ट्रक आनर्स महासंघ द्वारा ओवरलोड़िग रोके जाने के लगातार प्रयास किये जा रहे है। जिसमें प्रशासन द्वारा हमारी मांगों को ना मानने पर महासंघ द्वारा 05 दिसम्बर 2023 को अनिश्चितकालीन हड़ताल की गयी थी। जिसमें शासन द्वारा आपके माध्यम से महासंघ के साथ वार्तालाप सुनिश्चित हुई। जिस पर कुछ समय के लिए आपके दिये गये निर्देशों का प्रशासन के विभागों ने जैसे-परिवहन विभाग, पुलिस विभाग द्वारा महासंघ को समर्थन दिया लेकिन उसके कुछ अंतराल बाद फिर वहीं अराजकता शुरू हो गयी जिसमें प्रशासन द्वारा अराजक तत्वों को समर्थन दिया जाने लगा और महासंघ की सारी प्रक्रियाओं पर पानी फेर दिया गया। महासंघ द्वारा फिर भी लगातार आपके पास परिवहन विभाग के पास व पुलिस विभाग के पास ज्ञापन के माध्यम से आते रहे, लेकिन प्रशासन इन सब चीजों को नकारते हुये आखे मूंदे रहा और उसकी नकारात्मकता की कीमत उत्तराखण्ड की आम जनता को चुकानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि जिसका ताजा उदाहरण सल्ट अल्मोड़ा हादसे में गयी 36 निर्दोष लोगों की जाने हैं। यदि प्रशासन द्वारा पूर्व में हमारे द्वारा चलाये गये अभियान में पूर्ण रूप से ओवरलोडिंग के खिलाफ सहयोग किया होता तो न तो ओवरलोड़िग होती और न तो अल्मोड़ा में बेकसूर लोगों की जान जाती और न ही स्वाला चम्पावत वाली घटना होती और न ही क्वारब जैसी घटना होती। शासन-प्रशासन तथा प्रिंट मीडिया द्वारा ओवरलोडिग के लिए केवल बस व टैक्सी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि ओवरलोड़िग से वास्तव में सड़क व सरकारी सम्पत्ति को सबसे ज्यादा नुकसान ट्रकों की ओवरलोड़िग से हो।
उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द ओवरलोडिग को पूर्ण रूप से रामनगर, टनकपुर द्वार व सम्पूर्ण उत्तराखण्ड से पूर्ण रूप से बंद किया जाए तथा महासंघ द्वारा पूर्व में दिये गये सुझावों को प्राथमिकता नहीं दी गयी तो हमें अपने व्यवसाय को बचाने के लिए और ओवरलोडिग से हो रहे जानमाल और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान से बचाने के लिए हमें आगामी दिनों में पूर्व की भांति पूरे उत्तराखण्ड में हड़ताल का आह्वान करना पड़ेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस दौरान दया कृष्ण शर्मा, राकेश जोशी, बृजेश तिवारी, भास्कर जोशी, उमेश पांडे, गिरीश मेलकानी, हरीश जोशी, वीरेंद्र सिंह लोढ़ियल, ललित पाठक, हरीश मेहता, और जय उप्रेती मौजूद रहे।