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शाहजहांपुर में लोगों को लालच देकर खाते खुलवाने के बाद उनसे साइबर ठगी

शाहजहांपुर में पुलिस ने जालसाजों के गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 10 युवकों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 32 पासबुक, दस चेक बुक, डेबिट कार्ड और तमंचे बरामद किए गए हैं। 

laxya news uttrakhand

Ten accused of cyber fraud arrested in Shahjahanpur

शाहजहांपुर में लोगों को लालच देकर खाते खुलवाने के बाद उनसे साइबर ठगी की रकम निकलवाने वाले गिरोह के दस सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 32 पासबुक मिली हैं। इन खातों से 1.55 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। इसके अलावा दस चेक और 16 डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं। गिरोह का नेटवर्क भारत के 14 राज्यों से जुड़ा है। मोहल्ला हुसैनपुरा निवासी चंदन की जिला जेल में बिहार के युवक से मुलाकात हुई थी। उसने साइबर ठगी के गिरोह के बारे में बताया था। जेल से बाहर आने के बाद चंदन उससे मिलने गया था। वहां से आने के बाद उसने जिले में अपना गिरोह तैयार कर लिया। वे लोग आर्थिक रूप से कमजोर व अशिक्षित लोगों को दो से पांच हजार रुपये देकर खाता खुलवाकर डेबिट कार्ड, पासबुक अपने पास रख लेते थे। खाताधारक के नाम से सिम भी जारी करा लेते थे। खाताधारक को बताते थे कि तीन दिन के बाद खाता बंद हो जाएगा। इसके बाद सिम, पासबुक और डेबिट कार्ड दूसरे राज्यों के अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को उपलब्ध कराते थे। इन्हीं खातों में साइबर ठगी के रुपये ट्रांसफर कर यूपीआई व डेबिट कार्ड के जरिये रुपये निकालते थे।जानकारी मिलने पर सीओ सिटी सौम्या पांडेय के नेतृत्व में चौक कोतवाली पुलिस, सर्विलांस व साइबर सेल की टीम ने काम शुरू किया। टीम ने रविवार को चांदापुर चौराहे से गर्रा पुल के पास दबिश देकर मामले का खुलासा किया।

ये आरोपी पकड़े गए 

एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि पुलिस ने चंदन मिश्रा के साथ ही मोहल्ला बाबूजई निवासी मोहन सक्सेना व मोनू रस्तोगी, मोहल्ला बिजलीपुरा निवासी समीर गुप्ता, मघई टोला निवासी अनुभव गौतम, मोहम्मद जई निवासी अर्जुन, रोशनगंज निवासी अभिषेक यादव, बड़ी विसरात निवासी केशव केवट, मोहल्ला किला निवासी जावेद हसन, मोहल्ला हुसैनपुरा निवासी करन राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के शाहजहांपुर के सदस्यों को एक खाता खुलवाने पर चार से आठ हजार रुपये मिलते थे।

ऐसे होता था खातों का उपयोग
खाता खुलवाने के बाद पार्सल के जरिये पासबुक, डेबिट कार्ड और सिम को दूसरे राज्यों में बैठे गिरोह के सदस्यों को उपलब्ध कराते थे, जो इन खातों का उपयोग करते थे। पुलिस ने बताया कि लोन देने, धमकाकर या फर्जी लिंक आदि डाउनलोड कराकर साइबर ठगी के रुपये शाहजहांपुर में खुले खातों में ट्रांसफर किए जाते थे, जिसके बाद रुपयों को निकाल लिया जाता था।

जिले में खुलवाए गए हैं करीब 200 खाते 
पुलिस की जांच में गिरोह के सदस्यों ने जिले में करीब दो सौ खाते खुलवाने की बात कही है। हालांकि, जांच में अभी तक 32 खाते मिले हैं, जिनसे एक करोड़ 55 लाख रुपये निकाले गए हैं। शेष खातों की पुलिस जांच कर रही है। इसमें पंजाब नेशनल बैंक में खाते सबसे ज्यादा खुले हैं।

एसपी सिटी ने बताया कि गिरोह के सदस्य पुलिस से बचने के लिए कुछ पासबुकों को जलाने का प्रयास कर रहे थे। तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बताया कि कुछ समय पहले गिरोह के सदस्य के पास रुपये आने बंद होने पर मोहन परेशान हो गया था, तब वह बिहार गया था। वहां से काली गाड़ी पर हेलमेट लगाए युवक आए। मोहन के मुताबिक, उसने चेहरा नहीं देखा था। इसके बाद उनके पास रुपये आने लगे।

 

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