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सीएम धामी ने पत्नी संग किया कन्या पूजन, तस्वीरों में देखिए कैसे सज-धज कर पधारीं ‘नन्ही देवियां’

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Editor Shabnam Chauhan

Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर माता दुर्गा के आखिरी स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा करने का विधान होता है और महा अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हुए मां की विदाई होती है। शुक्रवार को घरों और मंदिरों में कन्यापूजन किया गया। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर शारदीय नवरात्र के नवम् दिवस पर अष्ट सिद्धियों की दात्री मां सिद्धिदात्री की आराधना कर लोक कल्याण के लिए प्रार्थना की। साथ ही सम्पूर्ण विधि-विधान से देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिशक्ति मां भगवती सभी प्रदेशवासियों का कल्याण करें और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें, ऐसी कामना करता हूं।

Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

लोगों के मन में यह भ्रम बना है कि महा अष्टमी और नवमी तिथि 11 अक्तूबर को मनाएं या फिर 12 अक्तूबर को। शास्त्रों में नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने का विशेष महत्व होता है। 

पंचांग की गणना के मुताबिक आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्तूबर को हो गई, जिसका समापन 11 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर हुआ। इस तरह से अगर उदया तिथि के आधार पर बात करें तो अष्टमी तिथि 11 अक्तूबर को ही मनाई गई। जिन लोगों ने अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन किया। उन लोगों ने 11 अक्तूबर को दोपहर अष्टमी तिथि के समापन के पहले तक पूजा संपन्न कर व्रत का पारण कराया।

Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

नवरात्रि में व्रत रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है। कन्या पूजन करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

मान्यता है कि बिना कन्या पूजन के नवरात्र का पूरा फल नहीं मिलता है। कन्या पूजन करने से परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है और सभी सदस्यों की तरक्की होती है।

  •  2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या की पूजा करने से व्यक्ति को अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। जैसे कुमारी की पूजा करने से आयु और बल की वृद्धि होती है। 
Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

त्रिमूर्ति की पूजा करने से धन और वंश वृद्धि, कल्याणी की पूजा से राजसुख, विद्या, विजय की प्राप्ति होती है। 

कालिका की पूजा से सभी संकट दूर होते हैं और चंडिका की पूजा से ऐश्वर्य व धन की प्राप्ति होती है। 

शांभवी की पूजा से विवाद खत्म होते हैं और दुर्गा की पूजा करने से सफलता मिलती है। सुभद्रा की पूजा से रोग नाश होते हैं और रोहिणी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं।Navratri 2024: सीएम धामी ने पत्नी संग किया कन्या पूजन, तस्वीरों में देखिए कैसे सज-धज कर पधारीं ‘नन्ही देवियां’

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शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर माता दुर्गा के आखिरी स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा करने का विधान होता है और महा अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हुए मां की विदाई होती है। शुक्रवार को घरों और मंदिरों में कन्यापूजन किया गया। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर शारदीय नवरात्र के नवम् दिवस पर अष्ट सिद्धियों की दात्री मां सिद्धिदात्री की आराधना कर लोक कल्याण के लिए प्रार्थना की। साथ ही सम्पूर्ण विधि-विधान से देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिशक्ति मां भगवती सभी प्रदेशवासियों का कल्याण करें और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें, ऐसी कामना करता हूं।

Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

इस बार शारदीय नवरात्रि पर दो तिथियां एक ही दिन पड़ने की वजह से अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति थी।

लोगों के मन में यह भ्रम बना है कि महा अष्टमी और नवमी तिथि 11 अक्तूबर को मनाएं या फिर 12 अक्तूबर को। शास्त्रों में नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने का विशेष महत्व होता है। 

पंचांग की गणना के मुताबिक आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्तूबर को हो गई, जिसका समापन 11 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर हुआ। इस तरह से अगर उदया तिथि के आधार पर बात करें तो अष्टमी तिथि 11 अक्तूबर को ही मनाई गई। जिन लोगों ने अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन किया। उन लोगों ने 11 अक्तूबर को दोपहर अष्टमी तिथि के समापन के पहले तक पूजा संपन्न कर व्रत का पारण कराया।

Navratri kanya pujan 2024 CM Dhami performed Kanya Pujan with his wife ashtami navami Uttarakhand Watch Photos

नवरात्रि में व्रत रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है। कन्या पूजन करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

मान्यता है कि बिना कन्या पूजन के नवरात्र का पूरा फल नहीं मिलता है। कन्या पूजन करने से परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है और सभी सदस्यों की तरक्की होती है।

शांभवी की पूजा से विवाद खत्म होते हैं और दुर्गा की पूजा करने से सफलता मिलती है। सुभद्रा की पूजा से रोग नाश होते हैं और रोहिणी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं।

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