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उत्तराखंड में ट्रेन पलटने की साजिश, ट्रैक पर रखा 07 मीटर का खंभा, खुफिया एजेंसियां जांच में जुटी

रुद्रपुर रेलवे स्टेशन के पास बिलासपुर-रुद्रपुर के बीच की घटना, 01 संदिग्ध को लिया हिरासत में

 ट्रेन पलटने के लिए रेलवे ट्रैक पर रखा गया लोहे का खंभा।
देहरादून ,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा और रुद्रपुर रेलवे स्टेशन के पास नैनी शताब्दी ट्रेन को पलटने की साजिश की गई है। ट्रेन को पलटाने के लिए बिलासपुर और रुद्रपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर 07 मीटर लंबा लोहे का खंभा रख दिया गया था। हालांकि, लोकोपायलट ने सक्रियता दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा टाल दिया सूचना पर जीआरपी और आरपीएफ टीम पहुंची और लोहे का पोल हटाया गया। घटना के बाद हरकत में आई आरपीएफ और जीआरपी ने एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही खुफिया एजेसियां भी जांच में जुट गई है।

बुधवार देर रात को नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस काठगोदाम दिल्ली 12091 दिल्ली से काठगोदाम की ओ जा रही थी। इसी बीच बिलासपुर से जब ट्रेन रुद्रपुर स्टेशन की ओर के लिए रवाना हुई तो, रुद्रपुर स्टेशन से करीब 02-03 किलोमीटर पहले रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के लोकोपायलट को लोहे का पोल दिखाई दिया। इस पर उन्होंने ट्रेन की रफ्तार कम की और इमरजेंसी ब्रेक लगाए। साथ ही रुद्रपुर रेलवे स्टेशन में मामले की जानकारी दी। इस तरह की करतूत की जानकारी मिलने पर आरपीएफ और जीआरपी में हड़कंप मच गया। आनन फानन में टीम मौके पर पहुंची और ट्रैक पर रखा गया पोल हटाकर कब्जे में ले लिया गया।

सूत्रों के अनुसार मामले में एक एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। जिससे पूछताछ की जा रही है। इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि बिलासपुर और रुद्रपुर के बीच की घटना है। लोको पायलट ने ट्रैक पर पोल देखकर रुद्रपुर स्टेशन को जानकारी दी थी। बिलासपुर थाना क्षेत्र में प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई है। खुफिया एजेंसी भी जांच में जुट गई है, क्योंकि यह ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश की पहली घटना नहीं है। इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ होने का अंदेशा भी है।

editor Shabnam Chauhan

ट्रेनों की डिरेल करने की 01 माह में 04 बड़ी साजिश
उत्तर प्रदेश क्षेत्र में 01 माह में ट्रेनों को पलटने की 04 साजिश की गई है। इनमें एक प्रयास में अराजक तत्व सफल रहे, जबकि 03 को सतर्कता के कारण विफल कर दिया गया। कानपुर में 16 अगस्त को ट्रैक पर बड़ा बोल्डर रखे जाने से साबरमती एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इसके बाद कानपुर में ही झांसी रूट पर 9 सितंबर को कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की कोशिश हुई। ट्रैक पर सिलेंडर के साथ ही पेट्रोल और ज्वलनशील पदार्थ मिले थे।

हाल में 16 सितंबर को गाजीपुर में स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस को लकड़ी का बोटा रखकर पलटने की साजिश रची गई। जबकि अब नैनी शतब्दी एक्सप्रेस को लोहे के खंभे से डिरेल करने की कोशिश की गई है। सवाल यह उठ रहा है कि ट्रेनों को पलटने की कोशिश बार-बार यूपी में ही क्यों हो रही है। रेलवे पुलिस के साथ ही यूपी पुलिस भी इन घटनाओं के बाद से अलर्ट मोड पर है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने रेलवे पुलिस और जिलों की पुलिस कप्तानों के साथ इसे लेकर बैठक भी की और अलर्ट रहने के साथ ही ट्रैक के किनारे रहने वालों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है। बुधवार की रात ही मथुरा में कोयला लदी मालगाड़ी भी डिरेल हुई जिससे दिल्ली रूट बाधित हो गया और तीन दर्जन ट्रेनों को डायवर्ट करने के साथ ही कई ट्रेनों को कैंसिल भी करना पड़ा है। अगर दस मिनट बाद मालगाड़ी डिरेल होती तो हादसा बेहद भीषण हो सकता था। जिस रूट पर मालगाड़ी पलटी उसी पर दूसरे ट्रैक से मेवाड़ एक्सप्रेस भी आ रही थी। अगर मेवाड़ के गुजरते समय मालगाड़ी डिरेल होती तो दोनों गाड़ियां चपेट में आती है बड़ा हादसा हो सकता था। मालगाड़ी के डिरेल होने के पीछे का कारण भी अभी तक नहीं पता चल सका है।जिस समय मालगाड़ी का हादसा हुआ उस समय निजामुद्दीन से उदयपुर जाने वाली 12963 छाता स्टेशन पहुंचने वाली थी। छाता पर इसका ठहराव नहीं है। यह सीधे मथुरा जंक्शन पर रुकती है। छाता के बाद आझई और फिर वृंदावन रोड से ट्रेन गुजरती है। छाता से दौड़ती हुई वृंदावन रोड को क्रॉस करने में अमूमन एक सुपरफास्ट ट्रेन को करीब 10 मिनट लगते हैं और मालगाड़ी वृंदावन रोड-आझई के बीच थी। इस तरह इस ट्रेन को क्रॉस करने में मेवाड़ को आठ-नौ मिनट लगते और उस समय अगर यह हादसा होता तो मेवाड़ भी हादसे का शिकार हो सकती थी।हादसे की जानकारी होने पर मेवाड़ एक्सप्रेस को छाता स्टेशन पर रोक दिया गया और वहीं से वापस लौटाकर बदले रूट से मेवाड़ को पलवल, निजामुद्दीन, गाजियाबाद, मितावल, बयाना होते हुए उदयपुर के लिए रवाना किया गया। लगातार हो रही साजिश से अधिकारी भी चिंतित हैं। रेलकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है। पेट्रोलिंग बढ़ाने और लोको पायलट को भी सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं।

Laxya news

Editor ShabnamChauhan

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