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Mon. Dec 23rd, 2024

Uttarakhand state is being developed as a digital destination: Chief Minister Dhami.*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने ‘डिजिटल नवाचार से सुशासन की ओर’ के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी द्वारा निर्मित विभिन्न एप एवं पोर्टल का किया शुभारम्भ।

*उत्तराखंड राज्य को डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है : मुख्यमंत्री धामी।*

*डिजिटल दौर में अर्थव्यवस्था के साथ जीवन शैली में भी सुधार हुआ : मुख्यमंत्री धामी।*

*ई – गवर्नेंस की मदद से गुड गवर्नेंस और पेपरलेस गवर्नेंस की ओर बढ़ रही राज्य सरकार : मुख्यमंत्री धामी।*

*ई – गवर्नेंस से भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक : मुख्यमंत्री धामी।*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ‘डिजिटल नवाचार से सुशासन की ओर’ के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी द्वारा निर्मित विभिन्न एप एवं पोर्टल का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न ग्राम प्रधानों को डिजिटल साक्षर बनाने की दिशा में कराये गये प्रशिक्षण के सर्टिफिकेट वितरित किए।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी द्वारा निर्मित *आई.एफ.एम.एस मोबाइल एप्लीकेशन , ई-पेंशन पोर्टल, सिंगल साइन ऑन (SSO), स्टेट पोर्टल (नवीनीकरण), स्टेट जी.ओ पोर्टल, डी.बी.टी पोर्टल, यू.के विजिटर पास एप, पसारा पोर्टल (PSARA), मुख्यमंत्री जन समर्पण (तहसील दिवस) पोर्टल, मुख्यमंत्री संदर्भ पोर्टल, पी.एम गतिशक्ति उत्तराखंड पोर्टल एवं अपुणी सरकार पोर्टल में अतिरिक्त सेवाओं का शुभारंभ किया।*

इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन वर्जन 2.0 , सीएम जन समर्पण (तहसील दिवस) पोर्टल, अपुणी सरकार पोर्टल, सीएम संदर्भ पोर्टल , यूके विजिटर एप, पी.एम गतिशक्ति उत्तराखंड पोर्टल, आई.टी.डी.ए CALC ट्रेनिंग, डीबीटी पोर्टल, सिंगल साइन ऑन (SSO), आई.एफ.एम.एस मोबाइल एप्लीकेशन , एवं ई-पेंशन पर आधारित लघु फिल्मों का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कार्यक्रम डिजिटल क्षेत्र में नवाचार का दिन है। आज आमजन को सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से विभिन्न सेवाओं का सरलीकरण कर उन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन सेवा के क्षेत्र में नित नए कार्य किया जा रहे है। हमारा राज्य डिजिटल के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे बढ़े इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। डिजिटल क्रांति के क्षेत्र में आज हमारा राज्य निरंतर आगे बड़ रहा है। डिजिटल दौर में अर्थव्यवस्था के साथ जीवन शैली में भी सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ई – गवर्नेंस की मदद से गुड गवर्नेंस और पेपरलेस गवर्नेंस की ओर बढ़ रही है। राज्य में टेक्निकल एजुकेशन एवं ऑनलाइन ट्रेनिंग से भी युवाओं को जोड़ने का कार्य जारी है। राज्य सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को डिजिटाइजेशन से जोड़कर विकास को आगे बढ़ा रही है। उत्तराखंड राज्य को डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में भी नेटवर्क कनेक्टिविटी पर तेजी से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने ई गवर्नेंस को प्रमोट करते हुए भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का काम किया है। सरकारी कार्यालय में ऑनलाइन प्रणाली लागू होने से भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट हुई है। राज्य के प्रत्येक नागरिक में सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि का भाव जगा है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आम जन को घर बैठे सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले। उन्हें बेवजह सरकारी कार्यालय के चक्कर न काटने पड़े।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। आज भारत के प्रत्येक क्षेत्र में डिजिटल ट्रांजेक्शन पेमेंट की सुविधा मौजूद है। प्रधानमंत्री जी ने ई गवर्नेंस के माध्यम से गुड गवर्नेंस की राह, संपूर्ण देश को दिखाई है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश और उत्तराखंड राज्य निरंतर विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

सचिव  शैलेश बगौली ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के निर्देशों पर राज्य के अंतर्गत डिजिटाइजेशन को तीव्र गति के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। आम जन को किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए अधिक से अधिक सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। उन्होंने कहा 4G सैचुरेशन स्कीम के अंतर्गत उत्तराखंड में 500 से अधिक मोबाइल टावर लगाने का कार्य गतिमान है। 950 सरकारी सेवाओं को सेवा का अधिकार के अंतर्गत लिया गया है। जिसमें से 600 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद हैं।

सचिव गीता शैलेश बगौली ने कहा कि राज्य के अंदर डिजिटल रिकॉर्ड कीपिंग पर कार्य जारी है।स्टेट डाटा सेंटर को अपडेट किया गया है। सीएम हेल्पलाइन 1905 को नए और अत्यधिक टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। तहसील स्तर पर होने वाली शिकायतों के सलीwकwरण हेतु ई सिस्टम बनाया गया है।

इस दौरान कार्यक्रम में विधायक दुर्गेश्वर लाल, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव वित्त डॉ. वी. षणमुगम, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक यू कास्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटीडीए श्रीमती नितिका खण्डेलवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के मुंबई आगमन पर छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, मुंबई में प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।

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 *LIVE: उत्तराखण्ड सदन, मुंबई में प्रवासी उत्तराखण्डवासियों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग*

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 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के स्वागत में विष्णु दास भावे ऑडिटोरियम वासी, नवी मुंबई में प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी बोली में अनेक प्रस्तुतियां प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा दी गई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लागू किए गए नकल विरोधी कानून की प्रवासियों द्वारा सराहना की गई। उन्होंने कहा कि श्री धामी के नेतृत्व में प्रदेश का हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।


  (उत्तराखंड के  किसानों  ने  पहाड़ोंxx xकी dगूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र  की खबर से जानकारी लेकर 1200 से  ज्यादा लोगों ने का1 ली हल्दी का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर   रोज़गार पैदा करने में उत्सुकता दिखाई है)

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से प्रवासी उत्तराखण्डियों द्वारा मुंबई में उनका स्वागत किया गया उससे वे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें देवभूमि उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में आप सभी के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उत्तराखंड की संस्कृति में जो मधुरता है, विनम्रता है और एक अपनापन है, वो अपने आप में विशिष्ट है। हमारे खान-पान में, हमारे रहन-सहन में, हमारी बोल-चाल में, एक भावनात्मक लगाव है। उन्होंने मुंबई में रह रहे उत्तराखंड के लोगों से आग्रह किया कि साल में एक बार परिवार सहित अपनी मातृभूमि जरूर आने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज का नया भारत सम्पूर्ण विश्व को एक नई दिशा देने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो पहले नामुमकिन से लगते थे।
पिछले पांच वर्षों में केन्द्र सरकार से प्रदेश में 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण व बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण के कार्य प्रधानमंत्री जी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं ।आज जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है तथा ऊधमसिंह नगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है।

इस अवसर पूर्व मंत्री महाराष्ट्र  गणेश नायक और काफी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी मौजूद थे।

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*LIVE: Addressing in Mumbai Roadshow “The Uttarakhand Global Investors Summit 2023″*
#InvestInUttarakhand

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 मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुंबई स्थित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, NSE पहुंच कर स्टॉक एक्सचेंज में संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर एनएसई, NSE की सांकेतिक बेल बजाकर अपनी उपस्थिति दर्ज की।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने 08 और 09 दिसंबर 2023 को देहरादून में होने वाले उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों को आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के अनुकूल नीतियां बनाई गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की अनेक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के क्षेत्र युवाओं को अधिक से अधिक अवसर मिले, इस दिशा में कार्य किए जा रहे हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी एवं सीईओ श्री आशीष कुमार चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में एंटरप्रेन्योरशिप अपॉर्चुनिटी को बढ़ाने के एनएसई राज्य के युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार है। राज्य के दूर दराज के क्षेत्रों में भी राज्य सरकार के सहयोग से निशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा।

इस अवसर पर सचिव  विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग  रोहित मीणा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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 *मुख्यमंत्री धामी ने किया मुंम्बई रोडशो में प्रतिभाग*

*आागामी 5 वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य- मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुम्बई में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश के प्रमुख उद्योग समूहों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी 8-9 दिसम्बर को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्ट समिट हेतु आमत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजाधानी ही नहीं बल्कि यह भारत के विकास की अनूठी कहानी का एक प्रमुख भाग है। जहां मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, वहीं उत्तराखंड देश की आध्यात्मिक राजधानी है, इसलिए इन दोनों के बीच परस्पर समन्वय एवं साझेदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई और उत्तराखंड एक दूसरे के पूरक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए जहां आधुनिक तकनीक तथा प्रबंधकीय कौशल आवश्यक है, वहीं आध्यात्मिक शक्ति एवं शांति भी अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने भ अपनी जीएसडीपी को आगामी 5 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इस क्रम में सशक्त उत्तराखण्ड मिशन प्रारंभ किया है। 8-9 दिसंबर को आयोजित होने वाले उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 भी इसी मिशन का एक विशिष्ट भाग है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तो रोजगार के अवसरों में वृद्धि सहो सकेगी। उन्होंने कहा कि अब तक के रोड श से लगभग एक लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उससे यह सिद्ध होता है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों के उद्यमी भी उत्तराखंड में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं।उन्होंने कहा के प्रदेश सरकार ने सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल सिद्धांत को अपनाकर राज्य

ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 2015 में प्रभावी प्रशासन के लिए प्रो-एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन का जो सूत्र दिया था, सरकार उसी को आत्मसात करने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लाइसेंस आदि के अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था में सुधार किया गया हैं तथा व्यवसाय की स्थापना और संचालन के लिये आवश्यक सभी स्वीकृतियों के लिए वन स्टॉप शॉप व्यवस्था भी शुरु की है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड में उद्योग समूहों को अपने उद्योग स्थापित करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा मजबूत नीतिगत ढांचे में निवेशक हितैषी नीतियां बनाने के लिए कई नई नीतियां बनाई गई हैं, कई नीतियों को सरल बनाया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस सन्धु, सचिव डॉ0 आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग  विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग  रोहित मीणा सूचना  बंशीधर तिवारी समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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*वित्त विभाग, उत्तराखण्ड का आई.एफ.एम.एस. सिस्टम अब मोबाईल एप में भी उपलब्ध*

आई.एफ.एम.एस. पोर्टल के प्रयोगकर्ताओं को सुविधा देने के लिए वित्त विभाग, उत्तराखण्ड के मार्गदर्शन में निदेशक कोषागार, पेंशन एवं हकदारी, उत्तराखण्ड द्वारा वित्तीय डाटा सेण्टर के कार्मिकों के अथक प्रयासों से एक महत्वपूर्ण आई.एफ.एम.एस. एन्ड्रॉइड मोबाईल एप विकसित किया गया है। इसके अतिरिक्त वित्तीय प्रणाली की पेपरलेस एवं फेसलेस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए ई-पेंशन मॉड्यूल भी आई एफ.एम.एस. पोर्टल के अन्तर्गत विभाग द्वारा विकसित किया गया है। उपरोक्त एप एवं ई-पेंशन मॉड्यूल का माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनांक 05 नवम्बर, 2023 को मुख्य सेवक सदन से शुभारम्भ कर दिया गया है।⁶

आई.एफ.एम.एस एन्ड्रॉइड मोबाईल एप जोकि Google Play Store में उपलब्ध है, की सहायता से आहरण वितरण अधिकारी ऑनलाईन ही समस्त प्रकार के देयकों के भुगतान को स्वीकृत / अस्वीकृत कर सकते हैं। इसी प्रकार कार्मिक एवं अधिकारी द्वारा समस्त प्रकार के अवकाश का आवेदन एवं अधिकारी द्वारा कार्मिक के अवकाश को ऑनलाईन ही स्वीकृत / अस्वीकृत किया जा सकता है। समस्त कार्मिकों की ए.सी.आर. का मुल्यांकन भी उक्त एप के माध्यम से किया जा सकता है एवं कार्मिक अपने विभिन्न दावों जैसे यात्रा भत्ता, जी.पी.एफ., एल.टी.सी. चिकित्सा प्रतिपूर्ति, टी.टी.ए. आदि का आवेदन उक्त एप के माध्यम से भी कर सकते हैं। इसी प्रकार कार्मिक अपनी वेतनपर्ची, एन.पी.एस. पर्ची, जी.पी.एफ. पर्ची आदि का विवरण भी देख सकते हैं।

ई – पेंशन मॉड्यूल की सहायता से अब कार्मिक सेवानिवृत्ति से पूर्व अपने सेवानिवृत्त लाभ हेतु आईएफएमएस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन ही आवेदन कर सकते हैं। ई-पेशन मॉड्यूल लागू होने से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन प्रकरण त्वरित गति से निस्तारित हो सकेंगे।

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 *अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की*

*मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के सौ फीसदी पूरा होने तक घोषणाओं के प्रगति की नियमित, निरन्तर व कड़ी समीक्षा की जाएगी*

एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को स्पष्ट किया है कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के सौ फीसदी पूरा होने तक घोषणाओं के कार्यों की नियमित, निरन्तर व कड़ी समीक्षा की जाएगी। घोषणाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सभी विभागों को ऑनरशिप लेनी होगी तथा मिशन मोड पर कार्य करना होगा। इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का विलम्ब एवं लापरवाही स्वीकार नही की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की। एसीएस ने मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के तहत विद्यालयी शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के तहत किये जाने वाले कार्य शीर्ष प्राथमिकता और समयबद्धता पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप 600 अतिरिक्त विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जा रही है। विधानसभा क्षेत्र धारचूला के तहत आपदा में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की जा रही है। कर्णप्रयाग के विकासखण्ड गैरसैंण के रा0 इ0 का0 हरगड, रा0 इ0 कालेज सिलपाटा तथा थराली के राजकीय इण्टर कॉलेज रैंस चोपता में मुख्य भवन निर्माण के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है। इसके साथ ही घनसाली के तहत स्व0 इन्द्रमणी बडोनी जी के नाम से आदर्श इण्टर कॉलेज अखोडी में मिनी स्टेडियम, चम्पावत में राजकीय इण्टर कॉलेज मंच में फील्ड के विस्तारीकरण एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार करने तथा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु रूपान्तरण कार्यक्रम के सम्बन्ध कार्यवाही गतिमान है।
चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि खटीमा में नान इनवेजिव कार्डियक केयर सेन्टर हब एवं स्पोक मॉडल के रूप में विकसित करने, खटीमा में ब्लड बैंक की स्थापना तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बदियाकोट बागेश्वर में भवन निर्माण, पिथौरागढ़ के तहत बेस चिकित्सालय को सुचारू करने तथा गंगोली हाट के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गणाई में भवन निर्माण के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है।बैठक में अपर सचिव श्रीमती नमामि बंसल, श्री योगेन्द्र यादव तथा सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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 *उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट 2023 के मुंबई में आयोजित भव्य रोड शो में लगभग 30200 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए*

*सभी रोड शो से अब तक 1.24 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू*

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुंम्बई रोडशो में प्रतिभाग किया*

*आागामी 5 वर्षों में उत्तराखंड की जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य- मुख्यमंत्री*

सोमवार को उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग समूहों के मध्य मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ के MoU किए गए हैं। जिन बड़ी कंपनियों से एमओयू किए गए उनमें से कुछ प्रमुख है, इमेजिका ( थीम पार्क) आत्मन्तन:(रिजॉर्ट), एसीएमई (सौर सेल विनिर्माण), CTRLs (डेटा सेंटर) पर्फ़ेटी(नवीकरणीय ऊर्जा), लॉसंग अमेरिका (आईटी), क्रोमा एटोर, क्लीन मैक्स एनवाइरो (नवीकरणीय ऊर्जा) , साइनस (हेल्थ केयर)

इसके साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण फर्मों से बातचीत हुई जिनमें जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, गोदरेज केमिकल्स,एस्टार भोजन,वी अर्जुन लॉजिस्टिक्स पार्क प्रमुख हैं |

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अब तक देश से बाहर लंदन,बर्मिघम, अबुधाबी, दुबई में 4 इंटरनेशनल रोड शो हो चुके हैं जबकि देशभर में प्रदेश सरकार दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और मुंबई में रोड शो कर चुकी है। बीते 14 सितंबर और 4 अक्टूबर को धामी सरकार दिल्ली में ₹26575 करोड़, 26 और 27 सितंबर को ब्रिटेन में ₹12500 करोड़, 17 और 18 अक्टूबर को यूएई में ₹15475 करोड़ के निवेश का करार कर चुकी है। इसके अलावा 26 अक्टूबर को चेन्नई में ₹10150 करोड़, 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में ₹4600 करोड़ और 1 नवंबर को अहमदाबाद में ₹24000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव का करार हुआ है। अब मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं।

अब तक प्रदेश सरकार द्वारा जिन निवेशकों से इन्वेंस्टमेंट एमओयू साइन किए गए हैं उनमें प्रमुखतः टूरिज्म हास्पिटैलिटी सेक्टर, आयुष वेलनेस सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, रियल एस्टेट-इंफ्रा, पंप्ड स्टोरेज सेक्टर, ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी एवं ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल हैं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुम्बई में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश के प्रमुख उद्योग समूहों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी 8-9 दिसम्बर को आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्ट समिट हेतु आमत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजाधानी ही नहीं बल्कि यह भारत के विकास की अनूठी कहानी का एक प्रमुख भाग है। जहां मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है, वहीं उत्तराखंड देश की आध्यात्मिक राजधानी है, इसलिए इन दोनों के बीच परस्पर समन्वय एवं साझेदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई और उत्तराखंड एक दूसरे के पूरक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए जहां आधुनिक तकनीक तथा प्रबंधकीय कौशल आवश्यक है, वहीं आध्यात्मिक शक्ति एवं शांति भी अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने भ अपनी जीएसडीपी को आगामी 5 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इस क्रम में सशक्त उत्तराखण्ड मिशन प्रारंभ किया है। 8-9 दिसंबर को आयोजित होने वाले उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 भी इसी मिशन का एक विशिष्ट भाग है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा तो रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने कहा कि अब तक के रोड शो से लगभग एक लाख, 24 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उससे यह सिद्ध होता है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों के उद्यमी भी उत्तराखंड में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं।उन्होंने कहा के प्रदेश सरकार ने सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल सिद्धांत को अपनाकर राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है, साथ ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 2015 में प्रभावी प्रशासन के लिए प्रो-एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन का जो सूत्र दिया था, सरकार उसी को आत्मसात करने का प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लाइसेंस आदि के अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था में सुधार किया गया हैं तथा व्यवसाय की स्थापना और संचालन के लिये आवश्यक सभी स्वीकृतियों के लिए वन स्टॉप शॉप व्यवस्था भी शुरु की है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार उत्तराखंड में उद्योग समूहों को अपने उद्योग स्थापित करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा मजबूत नीतिगत ढांचे में निवेशक हितैषी नीतियां बनाने के लिए कई नई नीतियां बनाई गई हैं, कई नीतियों को सरल बनाया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस सन्धु, सचिव डॉ0 आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग  विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग  रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना  बंशीधर तिवारी समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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प्रेस विज्ञप्ति

विरासत में त्रिपुरारि शरण द्वारा लिखित ’माधोपुर का घर’ किताब पर एक चर्चा दून लाइब्रेरी में आयोजित की गई

विरासत में उत्तराखंड के लोकप्रिय एवं सांस्कृतिक धरोहर रम्माण की प्रस्तुति विश्व सांस्कृतिक धरोहर समूह द्वारा की गई

विरासत में गोवा के इंद्रेश्वर युवा क्लब ने गोफ नामक पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत किया

विरासत में नम्रता शाह एवं समूह द्वारा कथक एवं अर्धशास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया गया

विरासत में आरती अंकलिकर द्वारा हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया गया

देहरादून- 06 नवंबर 2023- विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2023 के 11वें दिन के कार्यक्रम की शुरूआत त्रिपुरारि शरण द्वारा लिखित ’माधोपुर का घर’ किताब पर एक चर्चा से की जो दून लाइब्रेरी देहरादून में रखी गई थी। इस कार्यक्रम में त्रिपुरारी शरण जी ने अपनी लिखी उपन्यास पर बात की। त्रिपुरारि शरण द्वारा लिखित ’माधोपुर का घर’ एक अत्यंत कल्पित व्यक्तिगत उपन्यास और बिहार के एक परिवार के उतार-चढ़ाव की गहरी मार्मिक कहानी है। इसके अलावा, यह एक ऐसे व्यक्ति के विचार के बारे में उपन्यास है जो अपने जीवन की विशिष्टताओं से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है। और अंततः, यह एक ऐसा उपन्यास है जो हमें भारतीय ग्रामीण जीवन की नियति और विडंबनाओं की शुद्ध, शुद्ध विचित्रताओं से आश्चर्यचकित करता है।

त्रिपुरारि शरण का जन्म सन् 1961 में हुआ। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक तथा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। छात्र जीवन के दौरान ‘दिनमान’ के लिए फिल्म समीक्षाएँ लिखीं। कई पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। लम्बे प्रशासनिक जीवन के दौरान राज्य व केन्द्र सरकार के कई महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रहे। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे के निदेशक और दूरदर्शन के महानिदेशक रहे। पुणे के कार्यकाल के दौरान अपने छात्रों के साथ दो अलग-अलग फीचर फिल्मों का पटकथा लेखन और निर्माण किया एवं मुख्य सचिव, बिहार के पद से सेवानिवृत्त हुए।

आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभांरंभ रीच विरासत के महासचिव  आर.के.सिंह एवं अन्य सदस्यों ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में उत्तराखंड के लोकप्रिय एवं सांस्कृतिक धरोहर रम्माण की प्रस्तुति की गई जिसमें जोशीमठ, चमोली की घाटियों में, सत्ताईस जीवंत और भावुक व्यक्तियों का एक समूह विश्व सांस्कृतिक धरोहर के गौरवशाली बैनर के नीचे एकत्र होकर रम्माण प्रस्तुत किया। इन कलाकारो में डॉ. खुशाल भंडारी, जगदीश चौहान, राजेंद्र सिंह भंडारी, दिनेश सिंह नेगी, लक्ष्मी प्रसाद, महादीप भंडारी, हरीश नेगी, अजीत कुँवर, भरत सिंह रावत, दिलवर सिंह चौहान, खुशाल सिंह नेगी, दर्शन सिंह चौहान, देवेन्द्र सिंह कुँवर शामिल हैं। ,राजेंद्र सिंह रावत, जतिन पवार, अनिरुद्ध पवार, पीयूष पवार, अनुराग पवार, चंदिनी पवार, आस्था पवार, मुस्कान पवार, मुकेश कुवान, सृष्टि कुँवर, दिव्या नेगी, श्री हुकुम दास, गरीब दास और ज्योतिष घिड्याल। ये प्रतिभाशाली आत्माएं द्वारा प्रस्तुति से विरासत का आगंन ढोल और दमाऊं की थाप से गूंजती रही और दर्शकों ने भी खुभ इस अनोखें प्रस्तुति का आन्नद लिया। वैसे यह रम्माण बैसाखी के शुभ दिन से शुरू होती है, यह केवल एक आयोजन नहीं है बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव है, जो एक पखवाड़े तक जारी रहता है। सभी कलाकारों ने मुखौटों के साथ नृत्य भी किया हैं, ये मुखौटे भोजपत्र नामक बहुत शुद्ध लकड़ी से बने हुई थी। इस सभा के भीतर, उनका उद्देश्य परंपरा और इतिहास को दिखाना है, जिसमें महाभारत गरूदेवा नृत्य, कृष्ण लीला राधिका के साथ और मंत्रमुग्ध कर देने वाले मोर मरिन का नृत्य की झलक पेश करना है। एक ऐसा समूह जो हर लय, हर कदम और अपने पास मौजूद हर मुखौटे के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को प्रतिध्वनित करने का वादा करता है

रम्माण भारत में गढ़वाल क्षेत्र का एक धार्मिक त्योहार और अनुष्ठान थिएटर है। अपनी तत्काल सीमाओं से परे रम्माण छोटा है और समय के साथ इसके विलुप्त होने का खतरा है। 2009 में, यूनेस्को ने रम्माण को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की अपनी प्रतिनिधि सूची में शामिल किया। रम्माण गाँव के लिए अद्वितीय है और इसे हिमालय क्षेत्र में कहीं और न तो दोहराया जाता है और न ही प्रदर्शित किया जाता है। यह भारत के उत्तराखंड में चमोली जिले के पेनखंडा घाटी के सलूर डुंगरा गांव में गढ़वाली लोगों का त्योहार है। यह त्यौहार ग्राम देवता को भेंट के रूप में आयोजित किया जाता है, सलूर डूंगरा के संरक्षक देवता भूमिचेत्रपाल हैं, जिन्हें भूमियाल देवता के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार हर साल बैसाखी के बाद उनके सम्मान में आयोजित किया जाता है, जो एक फसल त्यौहार है जो नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है। रम्माण त्यौहार बैसाखी के नौवें या ग्यारहवें दिन आता है। ग्रामीण देवता को हरियाली (अंकुरित जौ के पौधे) चढ़ाते हैं, जो बदले में सभी को समृद्धि का वादा करते हैं। यह उत्सव दस दिनों तक चलता है, इस दौरान भूमियाल देवता के मंदिर के प्रांगण में राम का स्थानीय महाकाव्य गाया जाता है और जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते नकाबपोश नर्तक नृत्य करते हैं।

रम्माण की शुरुआत गणेश के आह्वान से होती है, जिसके बाद गणेश और पार्वती का नृत्य होता है। इसके बाद सूर्य देव का नृत्य होता है, जो ब्रह्मा और गणेश के जन्म के सृजन-मिथक का एक अधिनियम है। इन प्रारंभिक प्रदर्शनों के बाद, ध्यान स्थानीय रामकथा के मंचन पर केंद्रित हो जाता है। राम के जीवन के प्रसंग, उनकी जनकपुर यात्रा से शुरू होकर और वनवास से लौटने के बाद उनके राज्याभिषेक के साथ समाप्त होकर, कुल 324 ताल और चरणों में गाए जाते हैं। इन प्रदर्शनों का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू जागर गायन है, जो स्थानीय किंवदंतियों की संगीतमय प्रस्तुति है। सलूर-डुंगरा के ग्रामीण रम्माण उत्सव के उत्तराधिकारी, आयोजक और वित्तपोषक हैं। सभी परिवार, जाति और समुदाय से परे रम्माण पवित्र और सामाजिक, अनुष्ठानिक को उल्लास के साथ जोड़ता है और मौखिक, साहित्यिक, दृश्य और पारंपरिक शिल्प रूपों के माध्यम से सलूर डूंगरा ग्रामीणों के इतिहास, विश्वास, जीवन शैली, भय और आशाओं को व्यक्त करता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की दुसरी प्रस्तुति में गोवा के इंद्रेश्वर युवा क्लब ने गोफ नामक पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत किया। गोफ़ शिग्मो उत्सव में कैनाकोना, संगुएम और क्वेपेम तालुका में किसान समुदाय द्वारा वार्षिक रूप से प्रस्तुत किया जाने वाला नृत्य है, जो दक्षिण गोवा में सबसे लोकप्रिय नृत्य है जिसमें रंगीन कपड़े की पट्टियाँ छत के एक बिंदु से लटकती हैं और नर्तक एक-एक पट्टियाँ पकड़कर नृत्य करते हैं। इस तरह कि एक खूबसूरत चोटी बन जाए. गोफ़ नृत्य जीवंत सांस्कृतिक पहलुओं का एक आकर्षक संगम है। पट्टिका की बुनाई – गोफ – कई राजवंशों द्वारा छोड़े गए छापों के शांत लेकिन सचेत आत्मसात का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्होंने पिछली शताब्दियों में गोवा पर शासन किया था।

यह फाल्गुन माह में शिग्मो महोत्सव के दौरान आयोजित किया जाता है। गाए गए गीत भगवान कृष्ण को समर्पित हैं। यह नृत्य पुरुषों या महिलाओं के समूह द्वारा किया जा सकता है। यह डोरियों वाला एक लोक नृत्य है, जो भरपूर फसल के बाद गोवा के किसानों की खुशी को प्रकट करता है। प्रत्येक नर्तक ’मांड’ के केंद्र बिंदु – प्रदर्शन स्थल – पर एक रंगीन रस्सी लटकाता है और दूसरों के साथ जटिल रूप से नृत्य करना शुरू कर देता है, जिससे एक सुंदर, रंगीन, जटिल चोटी बन जाती है और नर्तक नृत्य के पैटर्न को उलट देते हैं और चोटी बन जाती है।

गोफ नृत्य की 4 अलग-अलग चोटियाँ हैं। घूमत, सिमेल, शांसी और अन्य मधुर वाद्ययंत्र नृत्य के साथ बजते हैं। इस नृत्य में पवन, धीरज, तुषार, विश्वजीत, अभिजीत, कैलाश, दीपक, नितेश, रुतिकेश, स्वप्नेश, चंद्रेश्वर, शुशांत, विश्वनाथ, अजय, भालेश और प्रीतेश शामिल थे। उनके साथ घूमत, शमेल और कसाल जैसे विभिन्न पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र थे, जिन्हें रुतिकेश, चंद्रेश, अभिजीत, अजय ने बजाया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की तीसरी प्रस्तुति में नम्रता शाह एवं समूह द्वारा कथक एवं अर्धशास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस समूह में 14 सदस्य हैं जिनमें जयति, पिथड़िया, स्तुति शाह, तराना भट्ट, सिया मेहता, आयशा मेहता, नव्या चौहान, हेनवी पटेल, दीया गज्जर, पृथा जोशी, कलश प्रजापति, वैली पटेल, काम्या कछिया और उनके गुरु जी नम्रता अजय शाह जी भी शामिल हैं। उनकी पहली प्रस्तुति गणेश स्तुति थी जिसके बाद संस्कृत में गुजरात के गौरव का चित्रण किया गया। बाद में उन्होंने गोपी गीत प्रस्तुत किया जो पंडित श्री सुंदर लाल गंजानी जी द्वारा लिखा गया था। जो नम्रता शाह जी के गुरु भी हैं, इसके बाद उन्होंने होरी गीत प्रस्तुत किया और नर्मदा अष्टकम प्रस्तुत कर समापन किया । उनका नृत्य जयपुर घराने के कथक के साथ अर्ध शास्त्रीय नृत्य चरणों का मिश्रण था। उन्होंने पहले भी विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों के सामने प्रदर्शन किया है जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी, जापान के पूर्व राष्ट्रपति शिंजो आबे, उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल, चीन के प्रतिनिधिमंडल और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल शामिल हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की चौथी प्रस्तुति में आरती अंकलिकर द्वारा हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने राग बागेश्री से शुरुआत करते हुए बंदिश “कोन गत भयी मोरी“ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया फिर उन्होंने तीन ताल में प्रस्तुत लयबद्ध रचना “देर ना देर लागो प्रीतम प्यारे“ गाया। उसके बाद उन्होंने और अधिक गहराई और भावनात्मक समृद्धि जोड़ते हुए दादरा गाया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आरती अंकलिकर जी ने अंतिम राग प्रस्तुत किया वह राजसी राग भैरवी था, जिसमें उन्होंने टप्पा और ऊर्जावान तराना के साथ अपने प्रदर्शन का समापन किया।

कहा जाता हैं कि सफल लोग बनाये जाते हैं, पैदा नहीं होते; उनकी कला को विकसित किया जाता है, ये रातोरात नहीं निखरते। आरती अंकलिकर ऐसी ही एक प्रतिभा हैं, जो अपनी गायकी के बल पर आज यहां पहुंची हैं, ये एक प्रतिष्ठित हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका हैं। उन्होंने आगरा-ग्वालियर घराने के पं. वसंतराव कुलकर्णी जी के नेतृत्व में अपनी संगीत यात्रा शुरू की। इसके बाद उन्हें जयपुर अतरौली घराने की सर्वोच्च उस्तादों में से एक, गान सरस्वती किशोरी अमोनकर से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उसके बाद, उन्होंने पं. दिनकर कैकिनी के साथ अपना प्रशिक्षण जारी रखा। वह एक स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपने विकास का श्रेय अपने गुरुओं को देती हैं, और उनकी अपनी शैली, जो दो घरानों का मिश्रण है, अपने स्वर भाव, लय और लयकारी में विशिष्ट है, जो कई तान पैटर्न के साथ जुड़ी हुई है, जो उनके प्रदर्शन को जीवंत बनाती है। वे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध गायिका हैं, जिनका करियर ग्राफ पैंतीस साल से भी अधिक का है। उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित समारोहों जैसे पुणे में सवाई गंधर्व महोत्सव, ग्वालियर में तानसेन समारोह, कोलकाता में डोवर लेन संगीत सम्मेलन, दिल्ली में शंकरलाल महोत्सव, चेन्नई में मद्रास संगीत अकादमी का महोत्सव और नागपुर में कालिदास महोत्सव में प्रदर्शन किया है। वह संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और मध्य पूर्वी देशों में अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर भी अक्सर जाती रहती हैं।

उन्होंने टोरंटो के राग-माला म्यूजिक सोसाइटी के लिए 2019 में टोरंटो, कनाडा में आगा खान संग्रहालय सहित दुनिया भर में प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रदर्शन किया है। आरती जी ने मराठी, कोंकणी और हिंदी फिल्म उद्योग में बड़े पैमाने पर गाया है। वह आगरा के साथ-साथ ग्वालियर और जयपुर घराना शैली में गायन के लिए जानी जाती हैं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं। अंकलीकर को वर्ष 2006 में एक शास्त्रीय गायक के जीवन पर आधारित कोंकणी सिनेमा, “अंतर्नाद “के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। आरती जी के नाम कई ऑडियो कैसेट और सीडी रिकॉर्डिंग हैं। वह श्याम बेनेगल की फिल्म “सरदारी बेगम“ की मुख्य पार्श्व गायिका थीं। वह अपने एल्बम तेजोमय नादब्रह्म, राग-रंग और फिल्मों अंतरनाद, दे धक्का, सावली और सरदारी बेगम, एक हजाराची नोट के लिए जानी जाती हैं। उन्हें मराठी फिल्म दे धक्का के लिए महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार मिला। बाद में, 2013 में, उन्हें मराठी फिल्म संहिता के लिए दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

तबला वादक शुभ जी का जन्म एक संगीतकार घराने में हुआ था। वह तबला वादक श्री किशन महाराज के पोते हैं। उनके पिता श्री विजय शंकर एक प्रसिद्ध कथक नर्तक हैं, शुभ को संगीत उनके दोनों परिवारों से मिला है। बहुत छोटी उम्र से ही शुभ को अपने नाना पंडित किशन महाराज के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया गया था। वह श्री कंठे महाराज.की पारंपरिक पारिवारिक श्रृंखला में शामिल हो गए। सन 2000 में, 12 साल की उम्र में, शुभ ने एक उभरते हुए तबला वादक के रूप में अपना पहला तबला एकल प्रदर्शन दिया और बाद में उन्होंने प्रदर्शन के लिए पूरे भारत का दौरा भी किया। इसी के साथ उन्हें पद्म विभूषण पंडित के साथ जाने का अवसर भी मिला। शिव कुमार शर्मा और उस्ताद अमजद अली खान. उन्होंने सप्तक (अहमदाबाद), संकट मोचन महोत्सव (वाराणसी), गंगा महोत्सव (वाराणसी), बाबा हरिबल्लभ संगीत महासभा (जालंधर), स्पिक मैके (कोलकाता), और भातखंडे संगीत महाविद्यालय (लखनऊ) जैसे कई प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन किया है।

27 अक्टूबर से 10 नवंबर 2023 तक चलने वाला यह फेस्टिवल लोगों के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य के जाने-माने उस्तादों द्वारा कला, संस्कृति और संगीत का बेहद करीब से अनुभव कर सकते हैं। इस फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिये नामचीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इस फेस्टिवल में एक क्राफ्ट्स विलेज, क्विज़ीन स्टॉल्स, एक आर्ट फेयर, फोक म्यूजिक, बॉलीवुड-स्टाइल परफॉर्मेंसेस, हेरिटेज वॉक्स, आदि होंगे। यह फेस्टिवल देश भर के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उसके महत्व के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का मौका देता है। फेस्टिवल का हर पहलू, जैसे कि आर्ट एक्जिबिशन, म्यूजिकल्स, फूड और हेरिटेज वॉक भारतीय धरोहर से जुड़े पारंपरिक मूल्यों को दर्शाता है।

रीच की स्थापना 1995 में देहरादून में हुई थी, तबसे रीच देहरादून में विरासत महोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। उदेश बस यही है कि भारत की कला, संस्कृति और विरासत के मूल्यों को बचा के रखा जाए और इन सांस्कृतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। विरासत महोत्सव कई ग्रामीण कलाओं को पुनर्जीवित करने में सहायक रहा है जो दर्शकों के कमी के कारण विलुप्त होने के कगार पर था। विरासत हमारे गांव की परंपरा, संगीत, नृत्य, शिल्प, पेंटिंग, मूर्तिकला, रंगमंच, कहानी सुनाना, पारंपरिक व्यंजन, आदि को सहेजने एवं आधुनिक जमाने के चलन में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन्हीं वजह से हमारी शास्त्रीय और समकालीन कलाओं को पुणः पहचाना जाने लगा है।

विरासत 2023 आपको मंत्रमुग्ध करने और एक अविस्मरणीय संगीत और सांस्कृतिक यात्रा पर फिर से ले जाने का वादा करता है।

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 सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि राज्य स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर दिनांक 9 नवंबर 2023 को प्रातः 7:30 तहसील घनसाली मे राज्य स्थापना दिवस दौड़ का आयोजन जा रहा है जिसमें ओपन कैटेगरी में इच्छुक प्रतिभागी प्राथमिक ,जूनियर, माध्यमिक तथा सीनियर वर्ग में महिला एवं पुरुष भाग ले सकते हैं। प्राथमिक वर्ग की दौड़ 3 किलोमीटर तथा जूनियर, माध्यमिक एवं सीनियर वर्ग की दौड़ 5 किलोमीटर होगी। प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।


अतः इच्छुक प्रतिभागियों से अनुरोध है कि राज्य स्थापना दिवस दौड़ 2023 तहसील घनसाली में प्रतिभाग करने का कष्ट करें।

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9 नवंबर 2023 को ब्लॉक सभागार घनसाली में राज्य स्थापना दिवस मनाया जाएगा ।

इस कार्यक्रम में तहसील घनसाली एवं बाल गंगा के समस्त राज्य आंदोलनकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित, शहीदों के आश्रितों को सम्मानित किया जाएगा।

साथ ही भूतपूर्व सैनिक संगठन , व्यापार मंडल, होटल एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन , विभिन्न कर्मचारी संगठन , विभिन्न सामाजिक संगठन एवं तहसील स्तरीय समस्त विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी भी आमंत्रित किए जा रहे है।

तहसील घनसाली एवं
बाल गंगा के नगर पंचायत घनसाली एवं चमियाला के अध्यक्ष एवं सभासद, समस्त ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य तथा जनप्रतिनिधिगण एवं मीडिया कर्मियों को भी आमंत्रित किया जा रहा हैं।

राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 9 नवंबर 2023 को प्रातः 7:30 तहसील घनसाली से राज्य स्थापना दिवस दौड़ का आयोजन होगा जिसमें प्राथमिक ,जूनियर, माध्यमिक तथा सीनियर वर्ग में महिला एवं पुरुष प्रतिभागी ओपन कैटेगरी में भाग ले सकते हैं। प्राथमिक वर्ग की दौड़ 3 किलोमीटर तथा जूनियर, माध्यमिक एवं सीनियर वर्ग की दौड़ 5 किलोमीटर होगी। प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।

स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम प्रातः 11:00 से ब्लॉक सभागार में आयोजित किया जाएगा जिसमें विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके साथ ही तहसील घनसाली एवं बाल गंगा के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के समापन में वृक्षारोपण किया जाएगा।

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 शैलेंद्र सिंह नेगी उप जिलाधिकारी मार्ग पर रात्रि के समय सघन चेकिंग अभियान चलाया गया।

चेकिंग अभियान के दौरान अवैध शराब का परिवहन, अवैध खनन का परिवहन, मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन आदि मामलों को विशेष रूप से चेक किया गया । चमियाला एवं विनकखाल क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन की शिकायत प्राप्त हो रही थी जिसके क्रम में देर शाम तथा रात्रि तक चेकिंग अभियान चलाया गया। कमर्शियल एवं प्राइवेट वाहनों की सघन जांच की गई।

दो बाहन मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत नियम विरुद्ध संचालित होते हुए पाए गए। उनके पास आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे। उन्हें पुलिस के माध्यम से कब्जे में लिया गया।

अवैध शराब एवं अवैध खनन का कोई भी प्रकरण नहीं पकड़ा गया।

इसके साथ ही चमियाला बाजार में होटल, रेस्टोरेंट आदि में भी निरीक्षण एवं चेकिंग अभियान चलाया गया । निरीक्षण के दौरान सभी होटल स्वामी एवं रेस्टोरेंट मालिकों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी दशा में होटल एवं रेस्टोरेंट में शराब का सेवन नहीं किया जाएगा। पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

उप जिलाधिकारी घनसाली द्वारा अंग्रेजी शराब की दुकान चमियाला का भी निरीक्षण किया गया जिसमें सीसीटीवी कैमरा चालू हालत में पाया गया किंतु दुकान के सभी दरवाजों में सीसीटीवी कैमरा नहीं था जिसे तत्काल लगाने के निर्देश दिए गए हैं । ओवर रेट की शिकायत नहीं पाई गई। खरीदारों से रेट कंफर्म किया गया जिसके आधार पर ओवर रेट नहीं पाया गया । इसके साथ ही बिलिंग मशीन काम करती हुई नहीं पाई गई। अधिकृत सेल्समेन उपस्थित पाए गए। सेल्समेन द्वारा जानकारी दी गई की स्थानीय लोग शादी एवं अन्य उत्सवों के लिए शराब खरीद रहे हैं। जिस संबंध में संबंधित सेल्समैन को निश्चित किया गया कि नियम अनुसार ही विक्रय सुनिश्चित किया जाए अन्यथा की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चेकिंग अभियान के दौरान रमेश प्रसाद बहुगुणा तहसीलदार बालगंगा, पुलिस चौकी चमियाला तथा राजस्व विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।

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